जानें कैसे निवेश बना करोड़ों का जाल, CBI की चार्जशीट में Anil Ambani और Yes बैंक के पूर्व सीईओ Rana Kapoor आरोपी
Anil Ambani-Rana Kapoor: CBI ने अनिल अंबानी और यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर पर करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में आरोपी होने पर बड़ा एक्शन लिया है गुरुवार को एक चार्जशीट दाखिल कर दोनों को आरोपी बताया है. यह मामले 2022 में लेन-देन RCFL, RHFL व Yes Bank और कपूर परिवार की कंपनियों किए गए थे.

Anil Ambani-Rana Kapoor: बिजनेसमैन अनिल अंबानी और यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर धोखाधड़ी के मामले में फंस गए हैं. CBI ने गुरुवार (18 सितंबर) को दो मामलों में एक साथ चार्जशीट दाखिल की है. साथ ही राणा की पत्नी बिंदू और बेटी राधा व रोशनी कपूर के खिलाफ में लोन में गड़बड़ी का आरोप है.
मुंबई की अदालत में दाखिल चार्जशीट में अनिल अंबानी और राणा फैमिली के साथ-साथ कई कंपनियों को आरोपी बनाया गया है. बता दें कि यह मामले 2022 में लेन-देन RCFL, RHFL व Yes Bank और कपूर परिवार की कंपनियों किए गए थे. इससे बैंक को 2,797 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है.
चार्जशीट में कई आरोप
साल 2017 में जांच में पता चला था कि यस बैंक ने अंबानी ग्रुप की कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया था. तब Care Ratings ने ADA समूह की वित्तीय कंपनियों को निगरानी पर रखा था, क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति बिगड़ रही थी और बाजार में उनकी स्थिति खराब होती जा रही थी. यह सब जानते हुए भी यस बैंक ने RCFL में लगभग 2,045 करोड़ रुपये और RHFL में लगभग 2,965 करोड़ रुपये निवेश किया था.
चार्जशीट में आरोप हैं कि ये लोग भ्रष्टाचार रोधी कानून (Prevention of Corruption Act) और भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धाराओं के अंतर्गत दोषी हैं.
क्या है आरोप?
कंपनियों में पैसे निवेश करने के नाम पर बाद में इन्हें कहीं और इस्तेमाल किया गया. यानी लेन-देन में गड़बड़ी की गई. इस घोटाले पर यस बैंक को 2796 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, लेकिन अंबानी ग्रुप और राणा फैमिली को सिर्फ और सिर्फ तगड़ा मुनाफा हुआ.
सीबीआई ने चार्जशीट में कहा कि अंबानी ग्रुप और राणा कपूर की फैमिली की कंपनियों को सस्ते लोन और निवेश मिला. अनिल अंबानी के कहने पर रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड्स ने 2017-18 में राणा कपूर के परिवार की कंपनी मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड में 1,160 करोड़ रुपये का निवेश किया गया.
साथ ही अंबानी ग्रुप ने 249.80 करोड़ रुपये के डिबेंचर खरीदे और 1750 करोड़ बैंक के हाई-रिस्क ATI बॉन्ड्स में इनवेस्ट किए. सीबीआई अभी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है. दोनों आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता है. इस खबर के सामने आने से मार्केट में मानो तूफान आ गया है. हर ओर इसी की बातें हो रही हैं.