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कैंसर की बीमारी से जूझ रही थी दादी तो पोते ने कचरे में फेंक दिया? सच्‍चाई जान पुलिस के उड़े होश

मुंबई से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. एक बुजुर्ग महिला, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, उसे उसके अपने ही पोते ने सड़क किनारे कूड़े के ढेर पर फेंक दिया. यह मामला तब सामने आया जब पुलिस को सूचना मिली कि आरे कॉलोनी इलाके में एक 60 वर्षीय महिला बेहद कमजोर हालत में पड़ी थी लेकिन

कैंसर की बीमारी से जूझ रही थी दादी तो पोते ने कचरे में फेंक दिया? सच्‍चाई जान पुलिस के उड़े होश
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 25 Jun 2025 12:43 AM IST

मुंबई से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. एक बुजुर्ग महिला, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, उसे उसके अपने ही पोते ने सड़क किनारे कूड़े के ढेर पर फेंक दिया. यह मामला तब सामने आया जब पुलिस को सूचना मिली कि आरे कॉलोनी इलाके में एक 60 वर्षीय महिला बेहद कमजोर हालत में पड़ी थी लेकिन

पुलिस को मिली दर्दनाक जानकारी

शनिवार सुबह पुलिस ने जब महिला को देखा, तो उसकी हालत बेहद नाजुक थी. महिला की पहचान यशोदा गायकवाड़ के रूप में हुई है. जब पुलिस ने उससे बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि उनका पोता उन्हें यहां छोड़कर चला गया. इस खुलासे के बाद पुलिस भी हैरान रह गई. यह समझ पाना मुश्किल हो गया कि आखिर कोई पोता अपनी बीमार दादी के साथ इतनी क्रूरता कैसे कर सकता है. ऐसी अफवाह फैल गई.

अस्पतालों ने इलाज करने से किया इनकार

महिला की हालत देखकर पुलिस ने तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि कई अस्पतालों ने उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया. अंततः शाम 5:30 बजे उन्हें कूपर अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने पुष्टि की कि महिला को त्वचा कैंसर बताया गया.

बताए दो पते, पुलिस कर रही परिवार की तलाश

यशोदा गायकवाड़ ने पुलिस को मालाड और कांदिवली के दो पते बताए हैं, जो संभवतः उनके परिवार के हैं. पुलिस अब इन पतों पर जाकर परिवार के सदस्यों का पता लगाने में जुटी है. साथ ही महिला की तस्वीर सभी स्थानीय पुलिस थानों में भेजी गई है ताकि उनके परिजनों को ढूंढा जा सके और फिर पुलिस ने जांच में दादी के परिवार वालों को ढूंढ निकाला तो कुछ और ही मामला निकला. जिसमें बताया गया कि दादी को पोते ने नहीं छोड़ा था बल्कि दादी खुद बिना बताए घर से बाहर निकल गई थी.

कुड़े में मिली दादी का असली सच

इस मामले की अब सच्चाई सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है कि 70 वर्षीय यशोधरा गायकवाड़ मलाड स्थित अपने घर से बिना किसी को बताए निकल गई थीं, अगली सुबह वो आरे कॉलोनी के जंगल में सड़क किनारे कूड़े के ढेर पर लावारिस हालत में मिलीं. जिसके बाद सोशल मीडिया पर अफवाह फैली कि पोते ने दादी को फेंक दिया, जिससे मामला 'मानवता पर कलंक' बताते हुए वायरल हो गया.

राहगीरों की सूचना पर मुंबई पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर दादी को अस्पताल पहुंचाया, पहले ट्रॉमा सेंटर और फिर कूपर अस्पताल में भर्ती कराया. चोटों से जूझ रहीं यशोधरा दादी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रही थीं, सिर्फ इतना बोलीं कि 'मेरे रिश्तेदार मुझे नहीं चाहते! पुलिस ने जांच जारी रखी और सोमवार रात मलाड से पोते सागर शेवाले को ढूंढ निकाला, जिससे साफ हुआ कि परिवार ने उन्हें नहीं छोड़ा था. सागर और उसके परिवार ने मुंबई पुलिस का आभार जताया और फिलहाल वे दादी के साथ अस्पताल में हैं.

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