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17 साल बाद भारत आ रहा मुंबई हमले का दोषी... 166 लोगों की जान का होगा हिसाब-किताब

26/11 मुंबई आतंकी हमले में शामिल और साजिश रचने वाले प्रमुख आरोपियों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकार भारत लाया जा रहा है. अमेरिका से प्रत्यर्पण की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद राणा को एक विशेष फ्लाइट से भारत भेजा गया है. बुधवार रात लगभग 7:10 बजे (भारतीय समयानुसार) विशेष सुरक्षा दस्ते के साथ रवाना हुई फ्लाइट के गुरुवार दोपहर भारत पहुंचने की उम्मीद है.

17 साल बाद भारत आ रहा मुंबई हमले का दोषी... 166 लोगों की जान का होगा हिसाब-किताब
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 10 April 2025 6:56 AM IST

26/11 मुंबई आतंकी हमले में शामिल और साजिश रचने वाले प्रमुख आरोपियों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकार भारत लाया जा रहा है. अमेरिका से प्रत्यर्पण की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद राणा को एक विशेष फ्लाइट से भारत भेजा गया है. बुधवार रात लगभग 7:10 बजे (भारतीय समयानुसार) विशेष सुरक्षा दस्ते के साथ रवाना हुई फ्लाइट के गुरुवार दोपहर भारत पहुंचने की उम्मीद है.

सूत्रों के मुताबिक, तहव्वुर राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाएगा और उसका ट्रायल विशेष एनआईए कोर्ट में चलेगा. जांच एजेंसियों ने पहले ही उसके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा लिए हैं, जिसमें 26/11 हमले में उसकी भूमिका और पाकिस्तानी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के साथ उसके संबंधों को भी विस्तार से शामिल किया गया है.

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए इस आतंकी हमले में 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे. हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी और इसमें लश्कर-ए-तैयबा की मुख्य भूमिका थी. तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने हमले की तैयारी और साजिश में हेडली की मदद की थी, जो हमले से पहले कई बार भारत आकर लोकेशन की रेकी कर चुका था.

17 साल बाद भारत की धरती पर इस गुनहगार की वापसी न सिर्फ न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह आतंक के खिलाफ भारत की कड़ी नीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी मिसाल है. अब देखना होगा कि अदालत में इस केस की सुनवाई किस दिशा में जाती है और तहव्वुर राणा को उसके अपराधों की कितनी सज़ा मिलती है.

राणा की सुरक्षा को लेकर जेल परिसर में कड़े इंतजाम किए गए हैं. देश की सबसे बड़ी केंद्रीय जेल तिहाड़ में उसकी निगरानी विशेष स्तर पर की जाएगी. चूंकि इस केस की सुनवाई अब दिल्ली में होगी, इसलिए उसे मुंबई नहीं ले जाया जाएगा. यह पूरी प्रत्यर्पण कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की निगरानी में हो रही है। गृह मंत्रालय और NIA के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मिशन पर नजर बनाए हुए हैं.

अदालत में पेशी और ट्रायल की योजना

सूत्रों की मानें तो राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष NIA जज के सामने पेश किया जा सकता है. सुरक्षा कारणों को देखते हुए उसकी पेशी वर्चुअली भी हो सकती है. चूंकि गुरुवार को महावीर जयंती के चलते अदालतें बंद रहेंगी, इसलिए संभावना है कि जज के निवास पर ही पेशी करवाई जाए. इससे पहले फरवरी में कोर्ट ने 2008 हमलों से जुड़े पुराने केस रिकॉर्ड को मुंबई से मंगवाने की अनुमति दी थी ताकि दिल्ली में ट्रायल शुरू हो सके.

कौन है तहव्वुर राणा?

पाकिस्तान में जन्मा और कनाडा में रहने वाला व्यापारी तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना का पूर्व कैप्टन भी रह चुका है. भारत ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि उसने अमेरिका में अपनी इमिग्रेशन कंपनी का इस्तेमाल कर आतंकी डेविड हेडली (दाऊद गिलानी) के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे, जिससे हेडली ने मुंबई हमले से पहले जगहों की रेकी की थी.

राणा खुद भी हमले से कुछ दिन पहले यानी 11 से 21 नवंबर 2008 के बीच दुबई होते हुए मुंबई आया था और होटल रेनसां में ठहरा था. कहा जाता है कि उसी दौरान उसने हमले की तैयारियों की समीक्षा की थी. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उसकी अपील खारिज करते हुए भारत प्रत्यर्पण की इजाजत दी थी। अमेरिका में भारत की ओर से 5 साल पहले प्रत्यर्पण की अर्जी दाखिल की गई थी.

गौरतलब है कि 26/11 के आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे. पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई के कई प्रमुख स्थानों पर करीब 60 घंटे तक आतंक मचाया था. अब तहव्वुर राणा के भारत पहुंचने के बाद इस पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया है और उम्मीद की जा रही है कि उसे उसके किए की सजा जल्द ही मिल सकती है.

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