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Gig workers को भी मिलेगी पेंशन, सैलरी से कटेगा PF, कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

गिग वर्कर्स को बड़ी सौगात केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली है. इस कड़ी में जल्द ही यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जारी किया जाने वाला है. वहीं गिग वर्कर्स को EPFO पेंशन सुविाधा देने के प्रस्ताव पर भी ड्रॉफ्ट तैयार किया जा रहा है. जिसे जल्द ही सरकार की तरफ से मंजूरी दी जाएगी.

Gig workers को भी मिलेगी पेंशन, सैलरी से कटेगा PF, कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार
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( Image Source:  Representative Image/ Freepik )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Published on: 7 Feb 2025 12:32 PM

केंद्र सरकार ने गिग वर्कर्स को बड़ी सौगात दी है. गिग वर्कर्स के तहत आने वाले कर्मचारी जैसे ओला-ड्राइवर, जॉमेटो, स्विगी या फिर स्ट्रीट वेंडर्स को ई-श्रम पोर्टल और आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ दिया जाने वाला है. इस बजट में इस फैसले को मंजूरी दी गई है. आपको बता दें कि इस योजना पर पिछले एक साल से काम किया जा रहा था.

अब इस योजना के तहत कर्मचारियों की सैलरी से कुछ हिस्सा पीएफ के रूप में डिडक्ट किया जाएगा. मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत गिग वर्क्स को आईडेंटिटी कार्ड और ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने की सुविधा दी जाएगी. इसका सीधा मकसद कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड पर काम करने वाले कर्मचारियों को सहायता प्रदान करना है. इसके लिए श्रम मंत्रालय जल्द ही यह पेंशन योजना लाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी मांगेगा.

इन्हें मिलेगा लाभ

इस योजना के तहत PM स्वनिधि योजना का लाभ गिग वर्कर्स को मिलने वाला है. जल्द ही श्रम मंत्रालय एक ड्राफ्ट करने वाला है. इसके साथ-साथ मोदी सरकार ऐसे वर्कर्स के लिए 30 हजार रुपये का यूपीआई कार्ड क्रेडिट कार्ड लिंक करने की योजना बना रही है. वहीं एक बार कर्मचारियों के लिए कार्ड जारी हो तो उन्हें कई तरह के लाभ मिलना शुरू हो जाएंगे. इनमें जॉब सिक्योरिटी, किसी दुर्घटना के दौरान परिजनों को मिलने वाला इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा. इस दौरान वर्किंग आवर्स भी तय किए जाएंगे.

कंपनियां करेंगी कॉन्ट्रीब्यूट

वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेशी के दौरान ई-श्रम पोर्टल समेत गिग वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन करवा कर उन्हें सुविधा और पहचान पत्र देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि मंत्रालय ऐसी व्यवस्था बनाने का काम कर रहा है. इसके तहत कंपनियां जैसे जॉमैटो, स्विगी, ओला-ऊबर, जेप्टो जैसी कंपनियां शामिल होंगी. इन कंपनियों से प्लेटफॉर्म के जरिए मंगवाए जाने वाले सामान की हर बिलिगंग पर कुछ प्रतिशत गिग वर्कर्स के लिए कॉन्ट्रीब्यूट करना होगा.

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