केदारनाथ-हेमकुंड साहिब की मुश्किल चढ़ाई होगी आसान! सरकार की हरी झंडी के बाद जल्द ही रोपवे से कर पाएंगे दर्शन
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहद अच्छी खबर है. अब कम समय में मंदिर पहुंचकर दर्शन करने का श्रद्धालु लुित्फ उठा पाएंगे. दरअसल रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है. इसी महीने से काम शुरू कर दिया जाने वाला है. जिससे यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर 36 मिनट रह जाएगा

केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. साथ ही हेमकुंड साहिब रोपवे और केदारनाथ परियोजना को मंजूरी दी है. इसी कड़ी में हेमकुंड साहिब और केदारनाथ पहुंचने वाले लोग चढ़ाई से बच सकेंगे. केंद्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव ने कहा कि केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट में 4,801 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. जानकारी के अनुसार सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच 12.9 किलोमीटर का रोपवे ट्रैक बनाया जाएगा. वहीं 12.4 किलोमीटर वाले हेमकुंड साहिब रोप प्रोजेक्ट में 2,730 करोड़ का खर्चा आने वाला है.
समय में होगी कटौती
वहीं इस प्रोजेक्ट के लागू होते ही बड़ी राहत मिलने वाली है. फिलहाल. सफर का समय 8 से 9 घंटे का होता है. जो इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर महज 36 मिनट का होने वाला है. प्रोजेक्ट की डिटेल देते हुए केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि एक गंडोले में 36 लोग आराम से बैठकर पहुंच पाएंगे. परियोजना को ऑस्ट्रिया और फ्रांस के एक्सपर्ट्स की मदद से पूरा किया जाएगा.
दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सौगात
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 3,583 मीटर की ऊँचाई पर स्थित 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर की यात्रा, गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है. इस सफर को श्रद्धालु या तो पैदल तय करते हैं, या फिर पालकी और हेलीकॉप्टर की मदद लेते हैं. अब ऐसे में यह रोपवे प्रोजेक्ट मंदिर दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए काफी सुविधाजनक होने वाला है. सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच सभी मौसम की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है. उधर इस परियोजना को मिली मंजूरी के साथ-साथ जानवरों के स्वास्थ्य पर चर्चा की गई.
जानवरों के स्वास्थ्य का रखा जाएगा ख्याल
मंत्रिमंडल बैठक में लाइवस्टॉक हेल्थ एंड डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (LHDCP) स्कीम को मंजूरी दी गई है. इस स्कीम का मकसद जानवरों के स्वास्थ्य में सुधार लाना है. साथ ही पशुधन और मुर्गी पालन की विभिन्न बीमारियों के खिलाफ बीमारी से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया जाएगा. साथ ही इन बीमारियों पर निगरानी रखकर पशु चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करके पशु स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करना है.