भारत ने छिड़का जले पर नमक! मिलिए राफेल क्वीन शिवांगी सिंह से... कभी ना-पाक ने किया था कैद करने का दावा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ राफेल जेट में उड़ान भरकर स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह ने पाकिस्तान के झूठे दावों पर करारा जवाब दिया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया था कि वह कैद हैं, लेकिन अब वही शिवांगी भारत की ‘राफेल क्वीन’ बनकर देश का गर्व बढ़ा रही हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला एयरबेस से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया. यह उड़ान केवल औपचारिक नहीं थी. बल्कि पाकिस्तान के उस झूठे प्रोपेगेंडा को करारा जवाब थी जिसमें उसने दावा किया था कि 'भारतीय महिला राफेल पायलट को ऑपरेशन सिंदूर में कैद कर लिया गया.” राष्ट्रपति मुर्मू ने जिस अधिकारी के साथ तस्वीर खिंचवाई, वह थीं स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह. वही महिला पायलट जिनकी ‘मौत और गिरफ्तारी’ की झूठी कहानियां पाकिस्तान ने फैलाई थीं.
दरअसल, शिवांगी सिंह भारत की पहली और अब तक की एकमात्र महिला राफेल फाइटर पायलट हैं, और उन्होंने पाकिस्तान की इस फेक खबर को मात्र अपनी मौजूदगी से ही ध्वस्त कर दिया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया था कि भारत के कई लड़ाकू विमान मार गिराए गए हैं और शिवांगी सिंह को सियालकोट के पास कैद कर लिया गया. पर जब राष्ट्रपति मुर्मू ने उसी शिवांगी सिंह के साथ राफेल के सामने तस्वीर खिंचवाई, तो पाकिस्तान की झूठी कथा हवा हो गई.
IAF ने किया पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की इस फर्जी खबर का मुंहतोड़ जवाब देते हुए शिवांगी सिंह की ताजा तस्वीरें और वीडियो जारी किए. IAF ने बताया कि शिवांगी को हाल ही में “Qualified Flying Instructor (QFI)” बैज से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान उन्हें 9 अक्टूबर को वायुसेना स्टेशन तांबरम में आयोजित 159वें Qualified Flying Instructor Course (QFIC) के समापन समारोह में दिया गया. इस कार्यक्रम में एयर मार्शल तेजबीर सिंह (SASO, ट्रेनिंग कमांड) मुख्य अतिथि थे. वायुसेना के इस कदम ने साबित कर दिया कि पाकिस्तान न केवल झूठ फैला रहा था बल्कि अपने “प्रचार युद्ध” में महिलाओं की गरिमा और सच्चाई दोनों का अपमान कर रहा था.
कौन हैं स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह?
वाराणसी की रहने वाली शिवांगी सिंह ने 2017 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया. वह वायुसेना की दूसरी बैच की महिला फाइटर पायलट हैं. 2020 में उन्हें राफेल फाइटर जेट पायलट के रूप में चुना गया, और वे अंबाला की प्रसिद्ध “गोल्डन ऐरोज़ स्क्वाड्रन” का हिस्सा बनीं. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक अहम भूमिका निभाई, जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे. शिवांगी अपनी प्रोफेशनलिज़्म, अनुशासन और निडर रवैये के लिए जानी जाती हैं. वे आज भारत की नई पीढ़ी की महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं. जो यह मानती हैं कि आकाश की कोई सीमा नहीं.
राष्ट्रपति मुर्मू की राफेल उड़ान- एक ऐतिहासिक पल
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अंबाला एयरबेस से राफेल में उड़ान भरते हुए भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास में अपना नाम दर्ज किया. इस उड़ान को ग्रुप कैप्टन अमित गहानी (कमांडिंग ऑफिसर, 17 स्क्वाड्रन “गोल्डन ऐरोज़”) ने संचालित किया, जबकि वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह एक अन्य विमान में साथ उड़ान भर रहे थे. पूरी उड़ान लगभग 30 से 35 मिनट तक चली और इस दौरान राष्ट्रपति ने राफेल की अत्याधुनिक क्षमताओं और संचालन प्रणाली का अनुभव लिया.
पाकिस्तान का झूठ बेनकाब, भारत का गर्व और बढ़ा
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने सोशल मीडिया नेटवर्क पर यह दावा फैलाया था कि “भारत के कई विमान गिराए गए हैं” और “महिला पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ लिया गया है.” लेकिन अब वही शिवांगी राष्ट्रपति के साथ राफेल के कॉकपिट में मुस्कुराती नजर आईं. यह दृश्य ही पाकिस्तान के हर झूठ का जवाब था. भारत ने न केवल अपने दुश्मनों को सटीक वार से जवाब दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत की बेटियां अब दुश्मन की सीमाओं से आगे आसमान में अपनी जीत लिख रही हैं.





