BSF आपकी, सीमा आपकी… तो दंगा किसका? मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता का वार, केंद्र पर लगाया घुसपैठ की साजिश का आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर केंद्र सरकार और BSF पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश से घुसपैठ हुई है तो यह केंद्र की विफलता है. साथ ही, नए वक्फ संशोधन अधिनियम को संविधान और राज्यों के अधिकारों पर हमला बताते हुए बंगाल में इसे लागू न करने की घोषणा की. ममता ने फर्जी वीडियो फैलाने वाले मीडिया पर भी निशाना साधा.

विवाद का दूसरा चेहरा वक्फ संशोधन अधिनियम बन गया है, जिस पर ममता ने खुलकर कहा कि यह कानून न सिर्फ मुसलमानों बल्कि सभी धार्मिक समुदायों के संपत्ति अधिकारों पर हमला है. नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित बैठक में उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 18 और 35 का उल्लंघन बताया और कहा कि यह राज्य अधिकारों में सीधा हस्तक्षेप है. इस बयान के जरिए ममता ने खुद को न सिर्फ मुस्लिम हितों की रक्षक, बल्कि संघीय व्यवस्था की पहरेदार भी साबित करने की कोशिश की.
मुर्शिदाबाद की सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और विशेष रूप से BSF को घेरते हुए सीधे तौर पर आरोप लगाया कि सीमा से घुसपैठ रोकना राज्य सरकार का नहीं, बल्कि केंद्र और BSF की जिम्मेदारी है. ANI के हवाले से आई रिपोर्ट को उन्होंने आधार बनाकर कहा कि यदि हिंसा में बांग्लादेश की भूमिका है, तो इसके लिए केंद्र जिम्मेदार है. इस बयान के ज़रिए ममता ने एक तरफ राज्य की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा, वहीं दूसरी ओर संघीय ढांचे की बहस को हवा दी.
मीडिया पर बंगाल की छवि ख़राब करने का आरोप
ममता ने भाजपा के समर्थन में काम कर रहे कुछ मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया ट्रोल्स पर फर्जी वीडियो फैलाकर बंगाल की छवि खराब करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जो वीडियो वायरल किए जा रहे हैं, वे कर्नाटक, यूपी, बिहार और राजस्थान के हैं लेकिन दिखाया बंगाल जा रहा है. इससे वे खुद को 'झूठ के शिकार' के रूप में पेश करना चाहती हैं और आम जनता की सहानुभूति पाना चाहती हैं.
ममता है धार्मिक सौहार्द की प्रतीक
ममता बनर्जी ने खुद को धार्मिक सौहार्द की प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करते हुए रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा की मिसालें दीं. उन्होंने भाजपा पर एकतरफा हिंदू राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार सभी धर्मों के लिए समान रूप से काम करती है. यह कोशिश थी कि वह बहुसंख्यक समुदाय में अपने लिए जगह बनाए रखें, जबकि अल्पसंख्यकों के बीच उनकी स्वीकार्यता बनी रहे.
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केंद्र से पूछे सवाल
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से पूछा कि युवाओं को नौकरी क्यों नहीं मिल रही, पेट्रोल-डीजल और दवाओं की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं? उनकी नजर में भाजपा इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बंगाल में अफवाहें फैलवा रही है. यह सवाल पूछने की शैली उन्हें ‘हासिल न किए गए वादों’ के खिलाफ खड़ा करती है और उनके राजनीतिक अभियान को आर्थिक मुद्दों की तरफ मोड़ने का प्रयास है.
बंगाल में लागू नहीं होगा वक्फ कानून
वक्फ कानून पर ममता ने साफ कर दिया कि यह संशोधन बंगाल में लागू नहीं होगा. यह न सिर्फ मुस्लिम नेतृत्व को शांत करने की कोशिश है, बल्कि यह संकेत भी कि तृणमूल केंद्र के हर कदम को चुनौती देगी. उन्होंने कहा कि ये बैठक उन्होंने नहीं बुलाई, बल्कि इमामों ने उन्हें बुलाया यह बयान उनके नेतृत्व को "जन आवाज़" के रूप में पेश करता है. लेकिन साथ ही यह टकरावपूर्ण राजनीति को और बढ़ावा देता है जो आगे चुनावों में मुख्य मुद्दा बन सकती है.