महाराष्ट्र में अब ‘24x7 इकोनॉमी’: रात-दिन खुली रहेंगी दुकानें, होटल और रेस्टोरेंट; लेकिन इन दुकानों को छूट नहीं
महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में दुकानों, होटल, रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों को 24x7 खुले रहने की अनुमति दी है. इसमें केवल शराब बेचने और परोसने वाली जगहों को छूट नहीं दी गई. नया परिपत्र जारी कर सरकार ने पुलिस और प्रशासनिक दखल को खत्म करने पर जोर दिया. यह कदम मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों की नाइट इकॉनमी को बढ़ावा देगा. सरकार कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए साप्ताहिक अवकाश और ओवरटाइम सीमा जैसी शर्तें भी लागू करेगी.

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की आर्थिक गतिविधियों को नई गति देने वाला बड़ा फैसला लिया है. अब राज्यभर में दुकानें, होटल, रेस्टोरेंट और कई अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान चौबीसों घंटे (24x7) खुले रह सकेंगे. इस नियम से सिर्फ शराब बेचने और परोसने वाले बार, वाइन शॉप और लिकर आउटलेट को बाहर रखा गया है.
यह फैसला खासकर मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरी केंद्रों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, जहां देर रात शॉपिंग, डाइनिंग और सर्विसेज की मांग लगातार बढ़ती रही है. सरकार का मानना है कि यह कदम न सिर्फ कारोबारियों को राहत देगा, बल्कि रोजगार और निवेश दोनों को नई दिशा देगा.
पुलिस और प्रशासन की शिकायतों के बाद आया आदेश
बुधवार को उद्योग विभाग ने नया परिपत्र (circular) जारी किया. इसमें कहा गया कि कई दुकानों, मॉल और सर्विस आउटलेट को 24x7 ऑपरेशन की अनुमति पहले से थी, लेकिन इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन और पुलिस इन पर कार्रवाई कर रहे थे. व्यापारियों और संगठनों ने बार-बार शिकायत की थी कि पुलिस देर रात दुकानें चलाने वालों पर प्रतिबंध लगाती है, जबकि कानून में इसकी अनुमति है.
नए परिपत्र में सरकार ने साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र दुकाने एवं प्रतिष्ठान (नियोजन व सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 के तहत शराब से जुड़ी दुकानों को छोड़कर बाकी सभी व्यवसायों को बिना समय सीमा के चलने की अनुमति है.
शराब परोसने वाले प्रतिष्ठानों के लिए तय रहेंगे नियम
2017 में जारी अधिसूचना के अनुसार, परमिट रूम, बीयर बार, डांस बार, हुक्का पार्लर, डिस्कोथेक और वाइन शॉप जैसी जगहों के समय पहले ही निर्धारित किए जा चुके हैं. बाद में जनवरी 2020 में सिनेमाघरों के समय से जुड़े प्रावधानों को अलग से संशोधित किया गया था. नए आदेश के मुताबिक, सिर्फ शराब बेचने और परोसने वाले प्रतिष्ठानों पर समय की पाबंदी जारी रहेगी. बाकी सभी दुकानें, शॉपिंग मॉल, रिटेल आउटलेट और सर्विस प्रोवाइडर 24 घंटे काम कर सकेंगे.
कर्मचारियों के हितों की रक्षा पर जोर
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कारोबार चौबीसों घंटे भले ही चलें, लेकिन कर्मचारियों के अधिकारों से समझौता नहीं होगा. हर कर्मचारी को हफ्ते में कम से कम लगातार 24 घंटे का अवकाश अनिवार्य होगा. एक बिजनेस डे को आधी रात से शुरू होने वाले 24 घंटे का चक्र माना जाएगा. अमल के दौरान यही परिभाषा लागू रहेगी. इस प्रावधान का मकसद यह है कि कंपनियां भले ही चौबीसों घंटे चलें, लेकिन कर्मचारियों की थकान और अधिकारों को नजरअंदाज न किया जाए.
शहरी अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया प्रोत्साहन
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला महाराष्ट्र को ‘नाइट इकॉनमी’ (Night Economy) की दिशा में मजबूती देगा. मुंबई जैसे शहर पहले से ही ‘सिटी दैट नेवर स्लीप्स’ के नाम से जाने जाते हैं. अब कानूनी स्पष्टता से देर रात कैफे, रेस्टोरेंट और शॉपिंग आउटलेट्स को फायदा होगा.
इससे युवाओं को नई रोजगार संभावनाएं मिलेंगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, छोटे व्यापारियों को ग्राहकों का बड़ा दायरा मिलेगा, राज्य की जीडीपी में सेवाओं का योगदान और बढ़ेगा.
निजी क्षेत्र में काम के घंटे बढ़ाने की तैयारी
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए काम के घंटों को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने बताया कि कैबिनेट के सामने एक प्रस्ताव रखा गया है, जिसके अनुसार निजी कर्मचारियों के अधिकतम दैनिक कार्य घंटे 9 से बढ़ाकर 10 किए जा सकते हैं.
प्रस्तावित बदलावों की झलक
- ओवरटाइम सीमा 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे (तीन महीने में) की जाएगी
- लगातार काम करने के घंटों को लेकर नए प्रावधान जोड़े जाएंगे
- कर्मचारियों के लिए अनिवार्य ब्रेक सुनिश्चित किए जाएंगे
- छोटे प्रतिष्ठानों की परिभाषा बदली जाएगी - अब 10 की बजाय 20 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान मंत्रालय के दायरे में आएंगे
- महिलाओं को देर रात काम करने की अनुमति देने पर भी विचार चल रहा है
क्यों जरूरी है यह सुधार?
मंत्री के अनुसार, व्यवहार में देखा गया है कि कई कर्मचारी पहले से ही निर्धारित घंटों से ज्यादा काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें ओवरटाइम नहीं मिलता. इसलिए नए श्रम कोड के तहत सुधार लाना जरूरी है, ताकि कर्मचारियों को न्याय मिल सके और कंपनियां पारदर्शी ढंग से ऑपरेट करें. उन्होंने कहा कि एक बार श्रम कोड फाइनल हो गया तो महिलाओं को भी देर रात काम करने की कानूनी अनुमति मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर और बढ़ेंगे.
महाराष्ट्र बनेगा 24 घंटे जगने वाला राज्य
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को कारोबारियों ने राहत की सांस के रूप में देखा है. ट्रेड एसोसिएशनों का कहना है कि अब प्रशासन और पुलिस की अनावश्यक दखलंदाजी खत्म होगी और राज्य में ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) की रैंकिंग और बेहतर होगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस कदम से राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों रूप से बड़ा इजाफा होगा. मॉल और रिटेल सेक्टर को ज्यादा ग्राहक मिलेंगे, होटल-रेस्टोरेंट की कमाई बढ़ेगी और पर्यटन को नई उड़ान मिलेगी.
महाराष्ट्र का यह कदम भारत में 24x7 इकोनॉमी को हकीकत में बदलने की दिशा में ऐतिहासिक माना जा रहा है. जहां एक ओर इससे कारोबारियों और ग्राहकों को फायदा होगा, वहीं सरकार ने कर्मचारियों के अधिकार और कल्याण को भी ध्यान में रखा है. शराब की बिक्री पर नियंत्रण जारी रहेगा, लेकिन बाकी सभी सेक्टर चौबीसों घंटे खुले रहकर महाराष्ट्र को सचमुच ‘कभी न सोने वाला राज्य’ बना देंगे.