महाराष्ट्र के पूर्व विधायक बच्चू कडू के बयान पर बवाल, किसानों से आत्महत्या करने के बजाय विधायक को मारने की दी सलाह
Bacchu Kadu: पूर्व विधायक बच्चू कडू ने महाराष्ट्र के पूर्व विधायक बच्चू कडू ने किसानों से आत्महत्या करने के बजाय विधायक को मारने की सलाह दी. शिवसेना नेता एवं मंत्री संजय शिरसाट ने कहा, बच्चू कडू को ये सब खुद करना चाहिए. क्या वह किसानों के खिलाफ और अपराध दर्ज करवाना चाहते हैं?

Bacchu Kadu: हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व विधायक बच्चू कडू ने किसानों को लेकर एक विवादित बयान दिया, जिससे बवाल खड़ा हो गया है. उन्होंने किसानों से सुसाइड करने के बजाय विधायक को काटने या मारने की सलाह दी. राजनीति दलों ने इसकी निंदा की है. सोशल मीडिया पर काफी हंगामा देखने को मिल रहा है.
बच्चू कडू के बयान पर महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा है कि बच्चू कडू ने किसानों को उकसाने वाले बयान दिया है. वह अपनी बातें खुद कार्रवाई में दिखाएं. उन्होंने कडू से कहा कि किसानों को पहले ऐसे हिंसात्मक विचारों से दूर रखा जाना चाहिए. हर जगह कडू के बयान की आलोचना हो रही है.
क्या बोले संजय शिरसाट?
बच्चू कडू के इस बयान का वीडियो वायरल हो रहा है, जिस पर लोग कमेंट कर रहे हैं. शिवसेना नेता एवं मंत्री संजय शिरसाट ने कहा, बच्चू कडू को ये सब खुद करना चाहिए. क्या वह किसानों के खिलाफ और अपराध दर्ज करवाना चाहते हैं? उन्हें अपनी ज़ुबान पर लगाम लगानी चाहिए. सितंबर में बाढ़ और बारिश के कारण किसान पहले से ही संकट में हैं. क्या कडू चाहते हैं कि वे हत्याएं करें?
क्या है मामला?
बच्चू कडू अमरावती जिले में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए किसानों को यह कहकर सबका ध्यान खींचा कि अगर उन्हें लगता है कि उनकी बातें सरकार तक नहीं पहुंच रही हैं, तो आत्महत्या करने के बजाय विधायकों को निशाना बनाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि किसानों को 'विधायक को मार डालो, काट डालो' जैसे हिंसक कदम उठाने चाहिए. उन्होंने आगे यह भी कहा कि इन विधायकों के आवास के सामने आप बिना कपड़ों के बैठ जाओ और पेशाब कर दो- ऐसा किया जाए तो सरकार जल्द ही अपने कदम बदलेगी.
छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या पर बयान
कडू ने किसानों के अलावा छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि संभाजी महाराज को मुगल बादशाह औरंगजेब ने नहीं मारा बल्कि उनकी सासरी आर्थिक रूप से खतरनाक वतनदारी की समाप्ति के कारण खुद उनके ससुराल-वालों ने हत्या की.
उनका कहना है कि तब की वतनदारी प्रणाली ने निजाम-शाही और आदिलशाही जैसे अन्यायपूर्ण शासन को जन्म दिया, जिसे संभाजी महाराज ने खत्म किया. इसके चलते उन्होंने अपने ससुराल वालों को वतन देने से इंकार किया और उसी कारण उनकी हत्या हुई.