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नहीं मिले सीएम शिंदे, आरक्षण विरोध में डिप्टी स्पीकर ने मंत्रालय से लगा दी छलांग

अजित पवार गुट के विधायक नरहरि झिरवल ने सुरक्षा जाल में फंसने के बाद मंत्रालय भवन की तीसरी मंजिल से नीचे कूद गए. यह घटना आदिवासी विधायकों के नेतृत्व में धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति आरक्षण कोटे में शामिल होने के विरोध में घटी है. आदिवासी विधायक सीएम शिंदे से मुलाकात के लिए गए थे लेकिन मुलाकात न होने पर छलांग लगा दी.

नहीं मिले सीएम शिंदे, आरक्षण विरोध में डिप्टी स्पीकर ने मंत्रालय से लगा दी छलांग
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( Image Source:  ANI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 7 Dec 2025 10:21 AM IST

Maharashtra News: महाराष्ट्र में कुछ समय बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव में जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंकते नजर आ रहे हैं. प्रदेश की जनता से बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं. शुक्रवार 4 अक्टूबर को आरक्षण मामले को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है.

अजित पवार गुट के विधायक नरहरि झिरवल ने सुरक्षा जाल में फंसने के बाद मंत्रालय भवन की तीसरी मंजिल से नीचे कूद गए. यह घटना आदिवासी विधायकों के नेतृत्व में धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति आरक्षण कोटे में शामिल होने के विरोध में घटी है. आदिवासी विधायक सीएम शिंदे से मुलाकात के लिए गए थे लेकिन मुलाकात न होने पर छलांग लगा दी.

आरक्षण का विरोध

जानकारी के अनुसार विरोध प्रदर्शन के दौरान कई आदिवासी विधायक दूसरी मंजिल पर आ गए. उन्होंने नारे लगाना शुरू किया और विरोध करते-करते नीचे छलांग लगा दी. वह सुरक्षा जाल पर जा गिरे. उनकी मांग है कि सरकार धनगर समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल न करें.

छलांग लगाने का वीडियो वायरल

इंटरनेट पर मंत्रालय की मंजिल से आदिवासी नेताओं का छलांग लगाने का वीडियो वायरल हो रहा है. फुटेज में एनसीपी विधायक और अन्य नेताओं को इमारत के सुरक्षा जाल पर गिरते हुए देखा जा सकता है. जबकि अधिकारी उन तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं. विरोध कर रहे विधायकों को पुलिस ने हस्तक्षेप किया और प्रदर्शनकारी विधायकों को नेट से हटाया.

क्या है मांगे?

हाल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने धनगर नेताओं से मुलाकात की थी और उनके लिए आश्वासन दिया कि अन्य समुदायों के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा. सरकार फैसले के बाद आदिवासी विधायक विरोध करने लगे. उनकी मांग है कि सरकार इस फैसले को वापस ले ले. उन्होंने कहा कि धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति का आरक्षण न दिया जाए और उन्हें पेसा अधिनियम के तहत सेवाएं दी जाएं.

सीएम के साथ बैठकी की मांग

विरोध का नेतृत्व कर रहे है झिरवल ने कहा कि 'हम मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने से पहले मंत्रालय नहीं छोड़ेंगे.' उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम राज्यव्यापी विरोध शुरू करेंगे. बता दें कि धनगर समुदाय को पहले से ही ओबीसी के तहत एक उप-श्रेणी में आरक्षण प्राप्त है. लेकिन वो मांग कर रहे हैं कि उन्हें एसटी श्रेणी में शामिल किया जाए.

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