दिल्ली-यूपी में मॉनसून का लंबा इंतज़ार, पहाड़ों पर बारिश बन रही कहर; IMD ने बताया इन राज्यों का हाल
उत्तर प्रदेश में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं, राज्य के पूर्वी हिस्सों में तो मानसून का प्रवेश हो चुका है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और अन्य हिस्सों में अब भी आसमान की ओर उम्मीद भरी निगाहें हैं.

उत्तर भारत इन दिनों मौसम के दो ध्रुवों पर बंटा नजर आ रहा है. एक ओर जहां दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोग बेहिसाब उमस, गर्मी और अधूरे वादे बन चुके मानसून से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर पहाड़ी राज्य जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बादल कहर बरपा रहे हैं। गर्मी, बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की मिली-जुली मार से पूरा उत्तर भारत बेहाल है.
दिल्ली में मानसून का इंतजार हर बीतते दिन के साथ लंबा और बेचैन कर देने वाला होता जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) पिछले एक सप्ताह से रोज़ मानसून की संभावनाओं की भविष्यवाणी कर रहा है, लेकिन हर बार नतीजा महज़ कुछ बूंदाबांदी तक सीमित रह जाता है. बुधवार को दिनभर आसमान में बादल मंडराते रहे, लेकिन गर्मी और उमस से राहत नहीं मिली.
‘येलो अलर्ट’ जारी
दिन का अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा और हवा में नमी का स्तर 88 से 73 प्रतिशत के बीच बना रहा. मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है, जिसमें बादलों की घनी मौजूदगी, तेज़ हवाओं और बिजली चमकने के साथ मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है.
उत्तर प्रदेश में रहत
उत्तर प्रदेश में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं, राज्य के पूर्वी हिस्सों में तो मानसून का प्रवेश हो चुका है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और अन्य हिस्सों में अब भी आसमान की ओर उम्मीद भरी निगाहें हैं. वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, गुरुवार और शुक्रवार को कुछ स्थानों पर हल्की फुहारें और तेज़ हवाएं चल सकती हैं, लेकिन व्यापक बारिश की संभावना शनिवार से जताई गई है. इस बीच कई जगहों पर वज्रपात और प्राकृतिक घटनाएं जानलेवा साबित हो रही हैं. झांसी के चिरगांव में वज्रपात से एक मासूम बच्ची की जान चली गई. वहीं, अमरोहा के खादर क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से मिट्टी का बांध बह गया, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत है.
पंजाब में धीरे-धीरे फ़ैल रहा मानसून
पंजाब में मानसून ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. बुधवार को राज्य के दस से अधिक जिलों में तेज़ हवाओं के साथ मध्यम बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग ने पंजाब के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए कई जिलों में गुरुवार को भारी वर्षा की संभावना जताई है. खेतों और फसलों के लिहाज़ से यह बारिश राहत लेकर आ सकती है, लेकिन जलभराव और बिजली गिरने की घटनाओं की आशंका से चिंता भी बनी हुई है.
उत्तराखंड और हिमाचल में बारिश बनी आफत
पहाड़ी राज्यों में बारिश इस बार राहत के बजाय आफत बनकर आई है. उत्तराखंड में मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिसमें राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. इसी तरह, हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों के लिए अगले 24 घंटों में बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इन इलाकों में जलभराव, भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि ने स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट पर ला दिया है. राज्य में उमस भरी गर्मी से राहत मिलने के आसार अब शनिवार के बाद जताए जा रहे हैं, जब पूरब से पश्चिम तक व्यापक बारिश की उम्मीद है.
जम्मू-कश्मीर में कहीं गर्मी कहीं बारिश
जम्मू-कश्मीर में मौसम का मिजाज बेहद अस्थिर बना हुआ है. राज्य के एक हिस्से में भीषण गर्मी लोगों को परेशान कर रही है, तो दूसरी ओर कुछ इलाकों में मूसलाधार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थितियों ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. बुधवार को रामबन जिले में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के चलते जम्मू-श्रीनगर हाईवे लगभग तीन घंटे के लिए बंद हो गया. वहीं, सुबह जम्मू में तवी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और पिंडदान करने गए नौ लोग बीच टापू में फंस गए, जिन्हें बाद में रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया. राजौरी और कटड़ा में मंगलवार रात भारी बारिश के चलते कई मार्गों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं. इसके विपरीत कश्मीर घाटी में अभी भी गर्मी ने लोगों को बेहाल कर रखा है। बुधवार को श्रीनगर और जम्मू दोनों में अधिकतम तापमान लगभग समान – 32.5 और 32.6 डिग्री सेल्सियस – दर्ज किया गया।