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1931 में बनी बापू की आखिरी पोर्ट्रेट पेंटिंग, अब होगी नीलाम; जानें कितनी जा सकती है कीमत

Mahatma Gandhi Portrait: वर्ष 1931 जब गांधीजी में लंदन में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने आए थे. तब क्लेयर लीटर की गांधीजी से मुलाकात हुई थी. इस दौरान क्लेयर ने बापू की एक पेंटिंग बनाई थी, जिसकी अब नीलामी होने वाली है. इसकी कीमत लगभग ₹58 लाख से ₹81 लाख रुपये बताई जा रही है.

1931 में बनी बापू की आखिरी पोर्ट्रेट पेंटिंग, अब होगी नीलाम; जानें कितनी जा सकती है कीमत
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( Image Source:  @narendramodi, @sharifmoskat )

Mahatma Gandhi Portrait: महात्मा गांधी एक आखिरी पेंटिंग लंदन में नीलामी की जाएगी. वह एक ऐसी पेंटिंग में जिसे बापू ने बैठकर बनवाया था. इसे ब्रिटिश कलाकार क्लेयर लीटर (Clare Leighton) ने वर्ष 1931 में बनाया था, लेकिन अब जुलाई 2025 में इसका ऑक्शन होने वाला है.

जानकारी के अनुसार, बापू के इस चित्र को पहली बार 1974 में सार्वजनिक रूप से पेश किया गया था. अब इसे अगले महीने लंदन के बोनहम्स नीलामी घर ऑक्शन के लिए दिखाया जाएगा.

क्यों बेची जा रही पेंटिंग?

इस संबंध में बोनहम्स की रियानन डेमेरी ने कहा, इस चित्र के समान कुछ भी अस्तित्व में नहीं है, क्योंकि यह महात्मा गांधी जीवनकाल में बनाया गया था और यह एक ऐसा चित्र था जिसमें उन्होंने कई बार बैठकर चित्रित कराया.

यह नीलामी गांधीजी के चित्रकला प्रेमियों और संग्रहकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है. 7 जुलाई से 15 जुलाई तक ऑनलाइन ऑक्शन का आयोजन किया जाएगा.

बापू के पेंटिंग की खासियत

  • महात्मा गांधी की इस खास पेटिंग को वर्ष 1931 में बनाया गया था.
  • इसकी कीमत लगभग ₹58 लाख से ₹81 लाख रुपये बताई जा रही है.
  • यह चित्र गांधीजी के जीवनकाल में बैठकर चित्रित कराया गया एकमात्र चित्र माना जाता है.
  • चित्र में कई स्थानों पर मरम्मत के संकेत मिलते हैं.
  • पीछे की लेबल पर 1974 में लाइमन अल्लिन म्यूजियम कंजर्वेशन लैबोरेटरी द्वारा पुनर्स्थापन की पुष्टि की गई है.

कब बनाया गया था चित्र?

कई रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 1931 जब गांधीजी में लंदन में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने आए थे. तब क्लेयर लीटर की गांधीजी से मुलाकात हुई थी. लीटर के करीबी मित्र और राजनीतिक पत्रकार हेनरी नॉएल ब्रेल्सफोर्ड के जरिए वह बापू से मिले थे. ब्रेल्सफोर्ड भारतीय स्वतंत्रता के प्रबल समर्थक थे और 1930 में भारत यात्रा कर चुके थे. लीटन को गांधीजी के साथ बैठने और उनका चित्रण करने की अनुमति मिली. वह उन कुछ कलाकारों में से एक थीं जिन्हें गांधीजी के कार्यालय में प्रवेश की अनुमति थी.

गांधी जी की हत्या

महात्मा गांधी की हत्या भारतीय इतिहास का एक अत्यंत दुखद और महत्वपूर्ण अध्याय है. 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिरला हाउस (अब गांधी स्मृति) में घटी, जब उन्हें नाथूराम गोडसे नाम के व्यक्ति ने गोली मारकर शहीद कर दिया.

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