यूं ही नहीं मिला Google, कड़ी मेहनत से पाई है सफलता, जानिए Bihar के लाल Abhishek Kumar के संघर्ष की कहानी
Abhishek Kumar From Bihar at Google: बिहार के जमुई के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक कुमार ने Google में नौकरी लेकर सिर्फ अपना ही नहीं पूरे देश का नाम रौशन किया है. वह इससे पहले Amazon में भी काम कर चुकें हैं.

Abhishek Kumar From Bihar at Google: दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत इंसान को असंभव से संभव तक का सफर तय कराती है. बिहार में कमी और समस्याओं के कारण कई बार सपने ओझल हो जाते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे लाल की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसने अपनी कड़ी मेहनत से असफलता के सारे भ्रम को तोड़ दिया है. बिहार के जमुई जिले के साधारण पृष्ठभूमि से आये अभिषेक कुमार ने खुद को ही नहीं भारत की ज्ञान की शक्ति को भी साबित किया है.
अभिषेक के पिता इंद्रदेव यादव जमुई सिविल कोर्ट प्रैक्टिस करते हैं और उनकी माता मंजू देवी हाउस वाइफ हैं. एक साधारण परिवार से लेकर दुनिया की अग्रणी टेक कंपनियों में से एक में प्रतिष्ठित पद तक का उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है. अभिषेक कुमार के दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत ने उन्हें 2.07 करोड़ रुपये के वार्षिक पैकेज के साथ गूगल के लंदन ऑफिस तक पहुंचाया है.
अभिषेक का अमेज़न से गूगल तक का सफर
NIT पटना से कंप्यूटर साइंस में बीटेक पूरा करने के बाद अभिषेक को पहली सफलता 2022 में मिली, जब उन्हें बर्लिन में अमेज़न में 1.08 करोड़ रुपये के वार्षिक पैकेज के साथ नौकरी का ऑफर दिया. कुछ महीनों तक काम करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर तौर पर उन्होंने अपना अनुभव बढ़ाने के बाद बर्लिन में एक जर्मन कंपनी से जुड़ गए. हालांकि, Google में काम करने की उनकी इच्छा कभी कम नहीं हुई और उनके अथक प्रयासों का फल तब मिला जब उन्होंने अपने 5 चरण के इंटरव्यू में सफलता हासिल कर ली और उन्हें अपने सपनों की नौकरी मिल गई.
अभिषेक ने सुनाई अपनी संघर्ष की कहानी
अभिषेक ने इसे लेकर कहा, 'मैं हमेशा से Google के लिए काम करना चाहता था. यह हर सॉफ्टवेयर इंजीनियर का सपना होता है. मैं इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित हूं.' उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और समर्पण सफलता की कुंजी है और अपने काम के माध्यम से समाज में और अधिक योगदान देने की अपनी इच्छा पर जोर दिया.
अभिषेक कुमार ने बताया कि ऐसा नहीं है कि उन्हें कभी पढ़ाई में कोई कष्ट नहीं हुआ, लेकिन जब भी कभी उन्हें पढ़ाई में कोई दुविधा होती थी, उनके भाई और माता-पिता उनके पीछे खड़े रहते थे. उन्होंने हमेशा अभिषेक का हौसला बढ़ाया है. गिरते मनोबल को उनके परिवार वालों ने हमेशा संभाला है. अभिषेक ने ये भी बताया कि उनके बड़े भाई भी सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटे हैं.
अभिषेक की कहानी दृढ़ता और महत्वाकांक्षा की शक्ति का प्रमाण है. उनकी सफलता का जश्न अब न केवल उनके गृहनगर में बल्कि पूरे देश में मनाया जा रहा है, क्योंकि वह Google के लंदन ऑफिस में एक नया अध्याय शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं.