पहलगाम अटैक में मारे गए मंजूनाथ राव की कहानी, मां ने कहा था- बेटा मत जाओ कश्मीर
पहलगाम आंतकी अटैक में कर्नाटक के रहने वाले मंजूनाथ राव की भी मौत हो गई. वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ कश्मीर घूमने आए थे. उनकी पत्नी ने इस भयावह मंजर के बारे में बताया, जहां उन्होंने अपने पति को लगते हुए देखा था.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कर्नाटक के मंजूनाथ राव की मौत हो गई. जिन्हें उनकी पत्नी और बेटे के सामने गोली मारी गई. मंजूनाथ कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले हैं. वह अपनी पत्नी पल्लवी और 18 साल के बेटे अभि के साथ कश्मीर गए थे.
पल्लवी पेशे से बैंक मैनेजर है. उस खौफनाक मंजर के बारे में पल्लवी जोशी ने बताया कि 'किसी ने दूर से मेरे पति को गोली मार दी. जब मैं और मेरा बेटा मौके पर पहुंचे, तो वह पहले ही मर चुके थे.' इस पर मैंने आतंकवादी पर चिल्लाते हुए कहा, 'तुमने मेरे पति को मार दिया है, मुझे भी मार दो. बेटे ने भी यही कहा... लेकिन वह यह बोलकर चला गया कि मोदी को बता देना.' चलिए जानते हैं कौन थे मंजूनाथ राव?
अच्छे और मददगार इंसान थे मंजूनाथ
मंजूनाथ राव रियल एस्टेट कारोबारी थे. मंजूनाथ के साले ने बताया कि टवह सिर्फ़ मेरे जीजाजी नहीं थे. वह एक ऐसे इंसान थे, जो हर किसी के लिए हमेशा खड़े रहते थे. मिलनसार मददगार और असली लीडर जैसे थे. इसके आगे अश्विन ने याद करते हुए एक किस्सा बताया 'मेरे एक दोस्त की एक बार तबीयत खराब हो गई थी. हम सब घबरा गए थे, लेकिन मंजूनाथ ने फौरन डॉक्टर से बात कर मदद की और सब कुछ संभाल लिया. वह ऐसे ही थे. कोई परेशानी हो, तो सबसे पहले वही आगे आते थे. वो हमेशा अच्छा ही सोचते थे. अच्छा ही करते थे. आखिर में अश्विन ने कहा कि हमें अब तक यकीन नहीं हो रहा कि उनके साथ ऐसा हो गया.
मां ने जाने से किया था मना
टीवी चल रहा था. खबरें आ रही थीं और तभी मंजूनाथ की मां को वो भयानक खबर मिली, जिसने उनका पूरा संसार हिला दिया. मंजूनाथ की मां ने कहा ' हम टीवी देख रहे थे जब हमें बताया गया. आंखों में आंसू के साथ उन्होंने बताया कि वह उन्हें कश्मीर जाने से मना कर रही थी, लेकिन मंजूनाथ ने उन्हें मना लिया था. वह शुक्रवार को कश्मीर के लिए निकले थे. इसके आगे मृतक की मां ने कहा कि ' परसों उसने मुझसे फोन पर बात की थी. उसने बताया कि वो काम के सिलसिले में किसी दूरदराज इलाके में जा रहा है, लेकिन तब से उसका कोई फोन नहीं आया.दो दिन हो गए.
इस कारण से गए थे जम्मू-कश्मीर
मंजूनाथ के चाचा माधव मूर्ति ने बताया कि उनके बेटे ने 12वीं पास की थी. उसके 98 परसेंट नंबर आए थे. यही वजह है कि वह अपने परिवार को जम्मू-कश्मीर ले गए. जब आतंकवादियों ने उन पर हमला किया, तब वे पानीपुरी खा रहे थे.