किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही, 60 की मौत; 100 से ज्यादा घायल, चश्मदीद बोले- पूरा पहाड़ टूट पड़ा; जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिसोटी गांव में बादल फटने से भीषण त्रासदी हुई, जिसमें अब तक 60 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं. 21 शवों की पहचान व्हाट्सऐप पर तस्वीरें साझा कर की गई, जबकि 160 से अधिक लोगों को बचाया गया है. कई लोग अब भी लापता हैं और मचैल व हमोरी गांवों में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम मौके पर राहत-बचाव कार्य में जुटी है, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल संभव नहीं हो पाया.

Kishtwar Cloudburst Chisoti Disaster: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भीषण बादल फटने की घटना में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुष्टि की कि गुरुवार को चिसोटी नामक दूरस्थ पहाड़ी गांव में बादल फटने से अचानक आई भीषण बाढ़ ने तबाही मचा दी. प्रशासन ने अब तक 21 शवों की पहचान कर ली है.
पीड़ितों के परिजनों तक फोटो पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने व्हाट्सऐप ग्रुप का सहारा लिया. अब तक 160 से अधिक लोगों को बचाया गया है, जिनमें से 38 की हालत नाजुक है. अधिकारियों को आशंका है कि मलबे में अब भी कई लोग दबे हो सकते हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. घटनास्थल के आगे स्थित मचैल और हमोरी गांवों में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं.
24 घंटे चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम गुरुवार देर रात गुलाबगढ़ के रास्ते चिसोटी पहुंची. मौसम खराब होने के कारण हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं हो सका, इसलिए टीम सड़क मार्ग से उधमपुर से रवाना हुई. दो और टीमें रास्ते में हैं. डीसी पंकज शर्मा ने बताया कि खराब मौसम और मुश्किल भूगोल के बावजूद रेस्क्यू ऑपरेशन 24 घंटे चल रहा है.
किश्तवाड़ बादल फटने की तबाही - अब तक का पूरा अपडेट
- हादसा कब और कहां हुआ: गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चिसोटी गांव में बादल फटने से भीषण फ्लैश फ्लड आ गई. यह इलाका दूरदराज़ और पहाड़ी है, जिससे राहत और बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं.
- मौत और घायलों का आंकड़ा: कम से कम 60 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. 100 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनमें 38 की हालत गंभीर है. आशंका है कि कई लोग अभी भी मलबे और पानी में फंसे हैं, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है.
- लापता और पहचान: अब तक 21 शवों की पहचान हो चुकी है. पहचान के लिए प्रशासन ने मृतकों की तस्वीरें व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए प्रभावित परिवारों को भेजीं.
- रेस्क्यू ऑपरेशन: अब तक 160 से ज्यादा लोगों को बचाया गया. मचैल और हमोरी गांव में सैकड़ों लोग फंसे हैं. खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर ऑपरेशन रोकना पड़ा, इसलिए एनडीआरएफ सड़क से पहुंची. दो और एनडीआरएफ टीमें रास्ते में हैं.
- प्रशासन की तैयारी: कंट्रोल रूम-कम-हेल्प डेस्क पड्डर (चिसोटी से 15 किमी दूर) में स्थापित किए गए हैं. 6 हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं- 9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381, 7006463710. अब तक कई SOS कॉल मिले हैं. लापता लोगों की तलाश जारी है.
- चश्मदीदों की गवाही: बचे हुए लोग कह रहे हैं कि पूरा पहाड़ टूट पड़ा, हर तरफ मलबा और पानी भर गया. एक शख्स ने बताया- पूरा पहाड़ गिर पड़ा… मैं पत्थर पर खड़ा था इसलिए बच गया, लेकिन कई परिजन अभी भी लापता हैं. दूसरे शख्स ने कहा - हमने लंगर में प्रसाद खाया था, तभी जोरदार आवाज आई… मलबा गिरने लगा, लोग चिल्लाने लगे ‘भागो भागो’. मैं बच्चे को बचाने की कोशिश कर रहा था, तभी हम दब गए… एक बड़ी लकड़ी हम पर गिर गई, जिसने जान बचा ली… लेकिन दर्जनों लोग अभी भी दबे हैं."
- मौजूदा स्थिति: लगातार बारिश से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं. राहत टीमें दिन-रात काम कर रही हैं. प्रशासन का कहना है कि आने वाले 24 घंटे बेहद अहम होंगे.