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थम गई कर्नाटक की गद्दी की ठनक! 'सिद्धारमैया की लग गई लौटरी', कुर्सी की लड़ाई के बीच कांग्रेस विधायक का वीडियो वायरल

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच कांग्रेस विधायक बीआर पाटिल का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें वह कहते सुने जा रहे हैं, 'सिद्धारमैया की लग गई लौटरी. यह बयान उस समय सामने आया है जब पार्टी ने सिद्धारमैया को हटाने की किसी भी योजना से इनकार किया है. इस वीडियो से कांग्रेस की अंदरूनी कलह एक बार फिर सतह पर आ गई है.

थम गई कर्नाटक की गद्दी की ठनक! सिद्धारमैया की लग गई लौटरी, कुर्सी की लड़ाई के बीच कांग्रेस विधायक का वीडियो वायरल
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 1 July 2025 4:37 PM IST

कर्नाटक कांग्रेस में जारी सत्ता संघर्ष पर भले ही पार्टी हाईकमान ने 'सब ठीक है' का संदेश देने की कोशिश की हो, लेकिन एक वायरल वीडियो ने इस सियासी घाव को फिर हरा कर दिया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लेकर दिए गए बयान ने कांग्रेस के भीतर नई कलह छेड़ दी है. तीन बार के विधायक बीआर पाटिल का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे फोन पर सिद्धारमैया के ‘लॉटरी लगने’ की बात करते दिख रहे हैं. इस वीडियो ने कांग्रेस आलाकमान की बेचैनी बढ़ा दी है, जो पहले से ही डीके शिवकुमार बनाम सिद्धारमैया खेमे के संघर्ष को ठंडा करने में लगा था.

लीक वीडियो में बोले बीआर पाटिल: “सिद्धारमैया की लग गई लॉटरी”

मंड्या के कृष्णराजा पेटे इलाके से सामने आए इस वीडियो में कांग्रेस विधायक बीआर पाटिल एक फोन कॉल पर कहते हैं कि सिद्धारमैया की लॉटरी लग गई. मैंने ही उन्हें सोनिया गांधी से मिलवाया था। किस्मत अच्छी थी, वो मुख्यमंत्री बन गए. मेरा कोई गॉडफादर नहीं है, कोई भगवान नहीं है. मैंने सुरजेवाला से मिलकर जो कुछ कहना था, कह दिया. उन्होंने शांति से मेरी बात सुनी। अब देखते हैं क्या होता है. इस बयान ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि पार्टी के अंदरूनी मतभेद सतह के नीचे लगातार सुलग रहे हैं.

कांग्रेस हाईकमान के लिए नई सिरदर्दी

कर्नाटक में सत्ता के दो ध्रुव- मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच लंबे समय से तनाव की चर्चा है. बीते दिनों डीकेएस ने ‘मैं कोई बदलाव नहीं चाहता’ कहकर भले ही पीछे हटने का संकेत दिया, लेकिन बीआर पाटिल का यह वीडियो दिखाता है कि पार्टी के भीतर असंतोष अब भी जिंदा है.

कर्नाटक कांग्रेस में महीनों से सुलग रही मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान पर अब विराम लगता दिख रहा है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने मंगलवार को संकेत दिए कि वह अब पीछे हट रहे हैं और सिद्धारमैया की मुख्यमंत्री पद पर मौजूदगी को चुनौती नहीं देंगे. उन्होंने साफ कहा कि अब कोई विधायक उनकी तरफ से बयानबाज़ी न करे और 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारी पर ध्यान दे.

डीके शिवकुमार, जिन्हें पार्टी के भीतर ‘डीकेएस’ के नाम से जाना जाता है, ने NDTV से बातचीत में कहा, 'मैं नहीं चाहता कि अब मेरे लिए कोई विधायक बोले. हाईकमान कार्रवाई करेगा अगर कोई बोलेगा. कांग्रेस में कोई गुटबाज़ी नहीं है. सिर्फ एक कांग्रेस है. मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में. मैं यहां कोई बदलाव मांगने नहीं आया हूं. इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री बदलने की मांग फिलहाल थम गई है.

सिद्धारमैया को लेकर डीकेएस का नरम रुख

डीके शिवकुमार ने यह भी बताया कि खुद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उनसे एक नोटिस जारी करने को कहा है, और वे वैसा ही करेंगे। यह बयान उनके अब तक के सबसे स्पष्ट संकेतों में से एक है कि मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा को फिलहाल रोक दिया गया है.

जब रंदीप सुरजेवाला बोले- सिद्धारमैया ही रहेंगे मुख्यमंत्री

इन बयानों से पहले कांग्रेस के सीनियर नेता और संकटमोचक रंदीप सुरजेवाला ने बेंगलुरु में प्रेस को संबोधित करते हुए साफ कर दिया था कि पार्टी की ओर से सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से हटाने की कोई योजना नहीं है. इस दौरान डीकेएस चुपचाप सुरजेवाला के बगल में बैठे रहे, जो खुद संकेत था कि पार्टी नेतृत्व का फैसला उन्हें स्वीकार है. लेकिन शिवकुमार के समर्थकों को यह बात हजम नहीं हुई. विधायक इकबाल हुसैन, जिन्होंने हाल ही में दावा किया था कि 100 विधायक डीकेएस के साथ हैं, ने NDTV से कहा, 'मैं सुरजेवाला से बात करूंगा. जो उन्होंने कहा, वो उनकी राय है. मेरी राय वही है – डीकेएस ने पार्टी के लिए मेहनत की है.'

आधा कार्यकाल, आधी उम्मीद?

कांग्रेस ने 2023 चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी, जिसके बाद सीएम पद को लेकर सिद्धारमैया बनाम डीकेएस की जंग शुरू हुई. माना जाता है कि डीकेएस को वोक्कालिगा समुदाय के समर्थन और पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए श्रेय मिला था, लेकिन फिर भी पार्टी ने सिद्धारमैया को चुना क्योंकि उन्हें दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य पिछड़े वर्गों का बड़ा समर्थन मिला था. पार्टी ने डीकेएस को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों पद दिए, लेकिन तभी से एक अंदरूनी डील की चर्चा थी कि कार्यकाल के बीच में नेतृत्व बदला जाएगा और वो 'हाफवे पॉइंट' अब सितंबर 2025 में आने वाला है.

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