भूत का साया हटाने के लिए ये कैसा इलाज, कर्नाटक में बेटे ने मां को पीट-पीटकर मार डाला
Karnataka News: कर्नाटक में एक युवक ने अपनी मां के ऊपर से भूत भगाने के लिए मार-मार तक उसकी हत्या कर दी. आरोपी संजय मां के शरीर से आत्मा निकालने के लिए आशा उसे लेकर गया. आशा और उसके पति संतोष द्वारा किए गए कथित 'डिमोन एक्सोरसिज्म' का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है.

Karnataka News: कर्नाटक में भूत-बाधा जैसे अंधविश्वास क्रियाओं के चक्कर में एक युवक ने अपनी मां (55) की हत्या कर दी. शिवमोग्गा जिले में सोमवार रात को बेटे ने मां के मर्डर को अंजाम दिया. कथित तौर पर मृतक महिला पर पहले से आत्मा का साया था, उससे का इलाज करने के लिए बेटे ने यह सब किया.
जानकारी के अनुसार, सोमवार को संजय का शख्स अपनी गीतम्मा आशा नाम की महिला के पास ले गया. जहां उसे बेहरमी से मारा गया और इतना मारा की बेचारी ने दम तोड़ दिया. यह घटना दिल दहला देने वाली है. घटना का खुलासा होते ही इलाके में सनीसनी फैल गई है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
भूत उतारने के नाम पर हत्या
आरोपी संजय मां के शरीर से आत्मा निकालने के लिए आशा उसे लेकर गया. आशा और उसके पति संतोष द्वारा किए गए कथित 'डिमोन एक्सोरसिज्म' का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है. मृतक गीतम्मा को सिर पर नींबू मारकर पीटा गया, गीली मिस्ट जैसी हालत में जमीन पर गिरा दिया गया और फिर लकड़ी से बुरी तरह मारा गया.
यह ड्रामा रात 9:30 बजे शुरू होकर रात भर 1 बजे तक चला. लगातार मारपीट से गीतम्मा की मौत हो गई. पुलिस ने संजय, आशा और संतोष के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है.
बिहार में भी घटनी ऐसी घटना
ग्रामीण क्षेत्रों में तंत्र-मंत्र की आड़ में हत्या करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बिहार के पूर्णिया में भी इस तरह की घटना घटी. टेटगामा गांव में एक और सदमात ट्रैजिक घटना सामने आई. रविवार की देर रात 50-60 सदस्यों के भीड़ ने ही परिवार पर डायन का आरोप लगाकर बर्बर हमला किया.
इस मामले के बारे में सोनू कुमार (16) ने बताया कि उसकी मां सीता देवी सहित कुल पांच सदस्यों को बांस पर पीटा गया, फिर उन पर डीजल उड़ेलकर जिंदा जला दिया गया. शवों को पानी में छुपा दिया गया था. मामले की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और जांच शुरू की. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और पूरे मामले की छानबीन जारी है.
इस तरह की घटना सामाज में बढ़ते अंधविश्वार को उजागर करती है. हम 21वीं सदी में जी रहे हैं लेकिन कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां सब कुछ तांत्रिक, काला-जादू जैसे क्रियाओं को ज्यादा महत्व दिया जाता है.