महाराष्ट्र-कर्नाटक में भाषा को लेकर रार, कंडक्टर की पिटाई के बाद अब पुलिस का एक्शन; पढ़ें पूरा मामला
कर्नाटक में बस कंडक्टर पर हुए हमले का मामला बढ़ता जा रहा है. यह मामला इतना बढ़ता जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्यों के बीच चलने वाली बसों पर रोक लगा दी गई है.इस पर महाराष्ट्र परिवहन मंत्रालय का कहना है कि ये रोक जब तक लगी रहेगी जब तक कर्नाटक सरकार इसपर रुख स्पष्ट न कर दे.

कर्नाटक के बेलगावी शहर में बस कंडक्टर की पिटाई कर दी गई. सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने बस में सवार .यात्री से मराठी भाषा में बात नहीं की. अब यह मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है. दो लोगों के बीच की लड़ाई राज्यों में बढ़ती जा रही है. दरअसल जिस इलाके में ये लड़ाई हुई वो इलाका महाराष्ट्र के बॉर्डर के पास ही है. मामला इतना बढ़ गया कि दोनों राज्यों के बीच चलने वाली बस सर्विस को स्थगित कर दिया गया है.
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क्या है मामला?
आपको बता दें कि कर्नाटक में महिलाओं के लिए बस सेवाएं मुफ्त है. लेकिन ये सुविधा सिर्फ महिलाओं के लिए है पुरुष यात्रियों को टिकट लेकर सफर करना पड़ता है. अब इस मामले में फ्री टिकट को लेकर विवाद बढ़ा. जानकारी के अनुसार एक महिला बस में सवार हुई. इस दौरान उनके साथ एक पुरुष यात्री भी सवार हुआ. पुरुष यात्री ने फ्री टिकट की मांग कर डाली. जब कंडक्टर ने फ्री टिकट देने से इनकार किया तो यात्री ने कहा कि 'मुझसे मराठी में बात करो. कंडक्टर बोला कि उसे मराठी नहीं आती सिर्फ कन्नड़ भाषा आती है'. जब कंडक्टर ने ऐसा कहा तो बस में सवार लोगों ने कंडक्टर के साथ मार कुटाई शुरू कर दी. अब यह मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस मामले पर इतना विरोध बढ़ता जा रहा है कि राज्य सरकार को बस सेवाएं स्थगित करनी पड़ी.
पुलिस ने की कार्रवाई
क्योंकी भाषा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. जमकर विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. पुलिस ने अब इस मामले में एक नाबालिग समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. हालांकि नाबालिग ने कंडक्टर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया और अधिकारियों से POCSO अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करवाई है.
अक्सर होते रहते विवाद
जिस इलाके में ये विवाद हुआ वो इलाका कर्नाटक और महाराष्ट्र बॉर्डर के पास का है. यानी दोनों आपस में मिलते हैं. यहां रहने वाले मराठी लोगों की संख्या है. यानी यहां रहने वाले अधिक संख्या के लोग मराठी भाषा में बोलते हैं. इसलिए उन्हें कन्नड़ बोलने में समस्या होती है. इस कारण से दो राज्यों के बीच अक्सर भाषा को लेकर लड़ाई जारी रहती है. सीमा विवाद के साथ-साथ अब भाषा का मामला भी तूल पकड़ने लगा है.