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महाशिवरात्रि पर दरगाह के अंदर शिवलिंग की कर सकते हैं पूजा, कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्यों दी परमिशन?

Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट ने अलंद में लाडले मशक दरगाह के परिसर में स्थित शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दे दी. अब महाशिवरात्रि पर मंदिर की पूजा-अर्चना की जाएगी. हालांकि सिर्फ 15 लोगों को मंदिर प्रवेश की इजाजत दी गई है. कोर्ट ने दोनों समुदाय के लिए टाइम स्लॉट भी तय किए हैं.

महाशिवरात्रि पर दरगाह के अंदर शिवलिंग की कर सकते हैं पूजा, कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्यों दी परमिशन?
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( Image Source:  grok ai )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 21 Oct 2025 2:34 PM IST

Karnataka HC: कर्नाटक के अलंद में लाडले मशक दरगाह के परिसर में स्थित शिवलिंग को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय में लंबे से विवाद देखने को मिल रहा है. अब मंगलवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने परिसर में स्थित शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दे दी. साथ ही दोनों समुदाय के लिए समय भी बांट दिया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक इबादत की इजाजत होगी. वहीं दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे के बीच हिंदू भक्तों को दरगाह परिसर में स्थित राघव चैतन्य शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति होगी. महाशिवरात्रि के मौके पर शिव भक्त शिवलिंग की पूजा करने वाले हैं.

कोर्ट ने दोनों समुदाय को दिए दिशानिर्देश

इस मामले की सुनवाई ने दौरान, अदालत ने पूजा का समय दोनों धर्म के लोगों के लिए तय कर दिया है. सिर्फ 15 लोगों को ही पूजा की अनुमति दी गई है. बता दें कि यह दरगाह 14वीं सदी के सूफी संत और 15वीं सदी के हिंदू संत राघव चैतन्य से संबंधित है. कहा जाता है कि यह दरगाह ऐतिहासिक रूप से एक साझा पूजा स्थल रही है.

जानकारी के अनुसार, 2022 में दरगाह पर धार्मिक अधिकारों को लेकर विवाद होने पर तनाव बढ़ गया, दोनों समुदाय के बीच विवाद देखने को मिला. बात इतनी बढ़ गई कि इलाके में शांति बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने पूरे अलंद में सीआरपीसी क धारा 144 लगा दी है, जिससे सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगा दी गई है. कोर्ट ने कहा कि दोनों समुदाय के लोगों को आदेश का पालन करना होगा. उन्हें तय की गई समयसीमा के अंदर ही अपनी पूजा करनी होगी. वहीं पुलिस को सुरक्षा के इंतजाम करने के आदेश दिए गए हैं, जिससे किसी तरह की कोई अशांति न फैले.

क्यों हुआ था विवाद?

साल 2022 में महाशिवरात्रि के दिन सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इसमें 10 महिलाओं सहित 167 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की थी और धारा 144 लागू कर दी गई. दरगाह में शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पूजा करने के दौरान हिंसा भड़की थी.

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