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400 मुस्लिम परिवारों को कांग्रेस ने एक झटके में कर दिया बेघर! कर्नाटक में बुल्डोजर एक्शन से घिरी सरकार

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार भारी आलोचनाओं के घेरे में आ गई है. इस कार्रवाई में 200 से अधिक घरों को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे करीब 400 परिवार जिनमें बड़ी संख्या मुस्लिम समुदाय की बताई जा रही है, अब बेघर हो गए हैं.

400 मुस्लिम परिवारों को कांग्रेस ने एक झटके में कर दिया बेघर! कर्नाटक में बुल्डोजर एक्शन से घिरी सरकार
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( Image Source:  X/ @adityasvlogs )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Updated on: 27 Dec 2025 5:34 PM IST

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार भारी आलोचनाओं के घेरे में आ गई है. इस कार्रवाई में 200 से अधिक घरों को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे करीब 400 परिवार जिनमें बड़ी संख्या मुस्लिम समुदाय की बताई जा रही है बेघर हो गए. सर्दियों के सबसे ठंडे दिनों में हुई इस कार्रवाई ने मानवीय और राजनीतिक दोनों स्तरों पर तीखी बहस छेड़ दी है.

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इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस और केरल के वामपंथी मोर्चे के बीच तीखी जुबानी जंग शुरू हो गई है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कांग्रेस पर बुलडोजर राज को सामान्य बनाने का आरोप लगाते हुए इसे उत्तर भारत में दिखने वाली राजनीति से जोड़ दिया है.

सुबह 4 बजे चला बुलडोजर, 400 परिवार हुए बेघर

यह तोड़फोड़ 22 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे बेंगलुरु के कोगिलु गांव स्थित फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट में की गई. इस अभियान में बेंगलुरु सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड (BSWML) की ओर से 4 जेसीबी मशीनें लगाई गईं और 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहे. कार्रवाई के बाद सैकड़ों परिवार खुले आसमान के नीचे या अस्थायी शेल्टर में रात गुजारने को मजबूर हो गए.

सरकार कर रही ये दावा

कर्नाटक सरकार का कहना है कि ये मकान एक झील से सटी सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए थे, जो उर्दू सरकारी स्कूल के पास स्थित है. प्रशासन के अनुसार, यह कार्रवाई नियमों के तहत की गई. वहीं, स्थानीय निवासियों ने सरकार के दावों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि उन्हें किसी तरह का पूर्व नोटिस नहीं दिया गया और पुलिस की मौजूदगी में जबरन घर खाली कराए गए. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई लोगों ने दावा किया कि वे पिछले 25 सालों से यहां रह रहे थे और उनके पास आधार कार्ड व वोटर आईडी जैसे वैध दस्तावेज मौजूद हैं. बेघर हुए अधिकांश लोग प्रवासी मजदूर बताए जा रहे हैं.

सड़कों पर उतरे लोग

मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. बेघर हुए लोगों ने पूरे हफ्ते विरोध प्रदर्शन किए. कुछ प्रदर्शनकारी राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा के आवास के पास भी पहुंचे. दलित संघर्ष समिति समेत कई संगठनों ने इन प्रदर्शनों का समर्थन किया है. मामले पर सबसे कड़ी प्रतिक्रिया पड़ोसी राज्य केरल से आई है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कांग्रेस सरकार पर अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति अपनाने का आरोप लगाया.

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