स्विमिंग पूल और बाथटब! बुलडोजर एक्शन में खुले अवैध धार्मिक निर्माण के कई राज, बिल्डिंग में लग्जरी सुविधाएं देख अधिकारी भी हैरान
Gujarat News: गुजरात के जामनगर में प्रशासन ने एक बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की है, जिसके तहत लगभग 11,000 वर्ग फीट क्षेत्र में बने एक धार्मिक स्थल को ध्वस्त किया गया. इस निर्माण में एक स्विमिंग पूल, बाथटब और विशाल कमरे जैसी सुविधाएं पाई गईं.

Gujarat News: गुजरात के जामनगर में शनिवार (14 जून) को प्रशासन ने एक अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया. लेकिन जब इमारत को नष्ट कर रहे थे, तब कुछ ऐसा दिखा जिससे सबके होश उड़ गए. दरअसल यहां पर अवैध निर्माण धार्मिक स्थल पर यह एक्शन लिया गया, जो कि लगभग 11,000 वर्ग फीट क्षेत्र में बना हुआ था.
इस धार्मिक इमारत में एक स्विमिंग पूल, बाथटब और बड़े-बड़े कमरे मिले जिनमें 5 स्टार होटल जैसी सुविधाएं पाई गईं. एक धार्मिक स्थल की तुलना में इतनी फैसिलिटी होना कई सवाल खड़े करती है. पुलिस को शक है कि आखिरी किसने इतना पैसा दिया होगा. अब पूरे मामले की जांच की जा रही है.
धार्मिक स्थल में लग्जरी फैसिलिटी
इस मामले के बारे में अधिकारियों ने बताया कि ये निर्माण कार्य करीब 20-25 साल पहले किए गए थे. स्थल में एक फार्म हाउस, स्विमिंग पूल, बाथटब और मास्टर रूम बने हुए थे. गौर करने की बात यह है कि बाथरूम के दरवाजे पर एक नोटिस लगा हुआ था, जिसमें लिखा था कि बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति नहीं है.
पुलिस अधीक्षक प्रेमसुख डेलु ने बताया कि यह अवैध निर्माण नागमती नदी के प्रवाह को अवरुद्ध कर रहा था. इनकी वजह से इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती थी. इसलिए नगर निगम ने सभी अवैध निर्माणों को तोड़ने का फैसला लिया.
पुलिस ने शुरू की जांच
पुलिस ने उस धार्मिक स्थल के मालिक और संबंधित लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. उनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जा रहा है. बता दें कि यह कार्रवाई जामनगर में अवैध कब्जों और संरचनाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है. जिसका उद्देश्य सार्वजनिक भूमि की रक्षा करना और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना है. गुजरात सरकार किसी भी तरह के अवैध निर्माण को बर्दाश्त करने वाली नहीं है.
300 इमारतों पर चला बुलडोजर
पुलिस ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के तहत अब तक करीब 200 करोड़ रुपये की इमारतों को ध्वस्त किया है. शनिवार को 300 अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया. एमपी प्रेमसुख डेलू ने कहा कि रंगमती नदी के पास अवैध अतिक्रमण था. इससे बारिश के मौसम में जामनगर में बाढ़ जैसे हालात हो जाते थे और अभी यह अभियान जारी रहने वाला है.