जमकर हुई पत्थरबाजी! वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट पर बवाल क्यों, 250 करोड़ रुपये पर लगेगा ग्रहण?
Vaishno Devi Ropeway: कटरा में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) के 250 करोड़ रुपये की यात्री रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर बवाल हो रहा है. इस दौरान स्थानीय लोगों की पुलिस से झड़प हो गई. लोगों को इस प्रोजेक्ट के आने के बाद नौकरी जाने का खतरा है.

Vaishno Devi Ropeway: जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर तक जाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट ने स्थानीय दुकानदारों, टट्टू सेवा देने वालों और मजदूरों के बीच डर पैदा कर दी है. उन्हें अपने रोजगार को लेकर चिंता होने लगी है. इस प्रोजेक्ट के आने के बाद जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में कटरा बेस कैंप में आज प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए.
सैकड़ों दुकानदारों, कुलियों और टट्टू सेवा देने वालों ने धरना-प्रदर्शन किया और असहमति जताने के लिए 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट पारंपरिक रास्ते को दरकिनार कर देगी, जिससे स्थानीय लोगों को डर है कि इस प्रोजेक्ट से उनकी आजीविका खत्म हो जाएगी.
तीन साल से लड़ रहे हैं दुकानदार
दुकानदारों के संगठन के नेता प्रभात सिंह ने कहा, 'हम कटरा में रोपवे प्रोजेक्ट को लागू नहीं होने देंगे. हम इसके खिलाफ तीन साल से लड़ रहे हैं. पहले हमें आश्वासन दिए गए थे, लेकिन अब उन्होंने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा दिया है.' प्रदर्शनकारियों ने कटरा में मुख्य बस स्टॉप को बंद कर दिया है, जहां से वैष्णो देवी मंदिर के लिए बसें चलती हैं. वैष्णो देवी मंदिर में हर साल 80 लाख से ज़्यादा तीर्थयात्री आते हैं.
क्या है वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट?
वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट की लागत 250 करोड़ रुपये है. इसके जरिए तीर्थयात्रियों की कठिन यात्रा 5-6 घंटे से घटकर केवल छह मिनट की हो जाएगी. इसका कॉन्ट्रेक्ट रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड (RITES) के पास है. अभी तक, वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए एकमात्र विकल्प कटरा से सांझीछत तक 12 किमी की कठिन चढ़ाई या हेलीकॉप्टर की उड़ान है.
यह प्रोजेक्ट कटरा के बेस कैंप के पास ताराकोट से शुरू होगी और मंदिर के करीब सांझीछत पर समाप्त होगी. इस प्रोजेक्ट के 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है. बता दें कि दो साल पहले त्रिकुटा पहाड़ियों में माता वैष्णो देवी मंदिर से एक अन्य पहाड़ी की चोटी पर स्थित भैरव मंदिर तक रोपवे शुरू किया गया था.