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क्‍या खत्‍म हो गया 'कर-नाटक'? कामयाब रही ब्रेकफ़ास्ट डिप्लोमेसी, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार बोले - न कोई कंफ्यूजन थी न होगी

बेंगलुरु में नाश्ते की बैठक के बाद सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार में मतभेदों की खबरों को सिरे से खारिज किया. दोनों नेताओं ने कहा कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है और आगे भी नहीं होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस 2028 चुनावों को ध्यान में रखते हुए एकजुट होकर काम कर रही है और हाई कमांड के फैसले का पालन करेगी. विधायकों के दिल्ली दौरे पर भी कहा गया कि यह नेतृत्व के खिलाफ नहीं बल्कि मंत्री बनने की इच्छा से जुड़ा है.

क्‍या खत्‍म हो गया कर-नाटक? कामयाब रही ब्रेकफ़ास्ट डिप्लोमेसी, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार बोले - न कोई कंफ्यूजन थी न होगी
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 29 Nov 2025 11:59 AM IST

बेंगलुरु में मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस ने उन सभी राजनीतिक अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की, जो पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक कांग्रेस सरकार के भीतर मतभेदों की खबरों को हवा दे रही थीं. दोनों शीर्ष नेताओं ने न केवल एक मंच साझा किया, बल्कि स्पष्ट कहा कि सरकार में कोई खींचतान नहीं है और आगे भी नहीं होगी.

कांग्रेस नेतृत्व में जारी ‘तनाव’ और खेमेबाज़ी की खबरों के बीच दोनों नेताओं की नाश्ते पर हुई मुलाक़ात पर मीडिया की पैनी नज़र थी. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हल्के अंदाज़ में कहा, “ब्रेकफ़ास्ट अच्छा था. वहां कोई चर्चा नहीं हुई. आज डीकेएस हमारे घर आए और उन्होंने हमें अपने घर भी आमंत्रित किया.” इसी बयान के साथ उन्होंने संकेत दिया कि बैठक किसी ‘संकट समाधान’ से ज़्यादा सामान्य राजनीतिक सौहार्द का हिस्सा थी.

'ना कोई विवाद है और ना आगे होगा'

इसके बाद भी सिद्धारमैया ने एकजुटता को बार-बार दोहराते हुए कहा कि उनके और शिवकुमार के बीच ना कोई विवाद है और ना आगे होगा. उन्होंने कहा, “हमारा एजेंडा 2028 के चुनाव हैं. स्थानीय निकाय चुनाव महत्वपूर्ण हैं. हमने कांग्रेस को 2028 में वापस लाने पर चर्चा की. हम साथ हैं, और साथ रहेंगे.” उन्होंने मीडिया पर भ्रम पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी भ्रम है, वह मीडिया की वजह से है, नेतृत्व में कोई मतभेद नहीं.

हाई कमांड जो कहेगा, हम उसी का पालन करेंगे

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी विधायकों के दिल्ली दौरे पर सिद्धारमैया से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया, “कुछ विधायकों की इच्छा है कि वे मंत्री बनें, इसलिए वे हाई कमांड से मिले. इसका मतलब यह नहीं कि वे नेतृत्व के खिलाफ हैं. उनमें से कुछ ने मुझसे बात की और उन्होंने बताया कि वे क्यों दिल्ली गए. हाई कमांड जो कहेगा, हम उसी का पालन करेंगे.”

डीके शिवकुमार बोले - कोई ग्रुप नहीं है

प्रेस कॉन्फ्रेंस में समान भाषा और समान रुख ने साफ दिखाया कि सरकार सार्वजनिक रूप से किसी भी प्रकार की ‘ग्रुप पॉलिटिक्स’ की छवि से बचना चाहती है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी अपने बयान से यह कोशिश और मजबूत की. उन्होंने कहा, “आप सबके सहयोग से हमने कांग्रेस की सरकार बनाई है और हम अपने वादों के अनुसार काम कर रहे हैं. जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है और हम उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए काम कर रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हाई कमांड जो भी निर्देश देगी, हम उसका पालन करेंगे. कोई ग्रुप नहीं है. अभी भी हम साथ काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने जो कहा, मैं उसी के साथ हूं.”

2028 में फिर कांग्रेस की सरकार बनाने का है लक्ष्‍य

प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह साफ है कि कर्नाटक कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेता 2028 के राज्य चुनावों और आगामी शहरी स्थानीय निकाय चुनावों को अपना मुख्य लक्ष्य बताकर घटनाक्रम को संभावित सत्ता संघर्ष से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से जल्द होने वाले किसी फ़ैसले - खासकर संभावित मंत्रिमंडल विस्तार - से सरकार की स्थिरता पर वास्तविक परीक्षा सामने आएगी.

फिलहाल, नाश्ते की मेज़ पर हुई सौहार्दपूर्ण तस्वीर और प्रेस कॉन्फ्रेंस के ‘एक स्वर’ वाले संदेश ने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए यह संकेत भेजने की कोशिश की है कि सरकार मजबूत और एकजुट है. लेकिन कर्नाटक की राजनीति में जहां सत्ता का समीकरण अक्सर अस्थिर चरित्र लिए हुए रहता है, आगे के महीनों में यह सामंजस्य कितनी मजबूती से कायम रहता है, यह देखने वाला होगा.

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