चूके तो लगेगा तगड़ा चूना, समय पर जमा नहीं किए ये डॉक्यूमेंट्स तो कटेगा भारी भरकम इनकम टैक्स
हर साल ईयर एडिंग से पहले टैक्स इन्वेस्टमेंट प्रूफ (Tax Investment proof) जरूरी होता है. टैक्स इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करके आप इनकम टैक्स में राहत पा सकते हैं. आप कई तरह से बच सकते है. यह हर साल जमा करना होता है. अगर किसी ने वित्तीय वर्ष में 80C, 80D या किसी अन्य सेक्शन के तहत निवेश किया है तो उन्हें प्रूफ देना जरूरी है. ऐसा न करने पर सैलरी से ज्यादा टैक्स काल लिया जाता है.

Tax Investment proof: देश में रहने वाले सभी लोगों को किसी न किसी ने रूप में टैक्स भरना होता है. खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्स भरना बहुत आवश्यक है. साल 2024 खत्म होने में कुछ दिन बचे हैं. हर साल ईयर एडिंग से पहले टैक्स इन्वेस्टमेंट प्रूफ (Tax Investment proof) जरूरी होता है.
टैक्स इन्वेस्टमेंट प्रूफ से जमा करके आप इनकम टैक्स में राहत पा सकते हैं. आप कई तरह से बच सकते है. यह हर साल जमा करना होता है. अगर किसी ने वित्तीय वर्ष में 80C, 80D या किसी अन्य सेक्शन के तहत निवेश किया है तो उन्हें प्रूफ देना जरूरी है. ऐसा न करने पर सैलरी से ज्यादा टैक्स काल लिया जाता है.
कब जमा करें टैक्स इन्वेस्टमेंट प्रूफ?
जानकारी के अनुसार सैलरी कर्मचारियों को साल के आखिर में टैक्स इन्वेस्टमेंट प्रूफ देना पड़ा है. हर कंपनी दिसंबर या जनवरी में आपसे डॉक्यूमेंट्स मांगती है. जब यह प्रक्रिया शुरू होती है तो इसे समय पर पूरा करना चाहिए. इस प्रूफ को आप HR पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. साथ ही आपको फॉर्म 12BB भरना पड़ेगा. यह फॉर्म आपकी टैक्स डिक्लेरेशन के लिए जरूरी है. डॉक्यूमेंट्स स्कैन करते समय उसका फॉर्मेट सही है या नहीं यह चेक कर लें. गलत जारी भरने पर फाइन लग सकता है. कोशिश करें तो निवेश के डॉक्यूमेंट्स को डिजिटल फॉर्मेट में ही रखें जिससे भविष्य में आप इसे आसानी से कहीं भी एक्सेस कर सकें.
देखिए जरूर डॉक्यूमेंट्स लिस्ट
- PPF/ELSS म्यूचुअल फंड का प्रमाण पत्र
- लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम स्लीप
- नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में किए गए निवेश का प्रूफ
- होम लोन प्रिंसिपल और इंटरेस्ट सर्टिफिकेट
- मेडिकल इंश्योरेंस (80D)
- रेन्ट स्पील (अगर HRA क्लेम करते हैं तो किराए की स्लीप)
- चैरिटी- 80G के तहत रजिस्टर्ड एनसीओ को दिए गए दान का प्रमाण
क्यों होगा फायदा?
अगर कर्मचारी टैक्स इन्वेस्टमेंट प्रूफ नहीं देते हैं तो कंपनी आपके निवेश को मान्यता नहीं देगी और इससे आपका ज्यादा टैक्स कटेगा. वहीं समय पर प्रूफ जमा करने से न सिर्फ आपको टैक्स में छूट मिलेगी बल्कि पूरे साल की प्लानिंग भी सही ढ़ंग से कर पाएंगे. डॉक्यूमेंट्स तैयार कर लेंगे तो टैक्स बचाने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी. इसके अलावा आपको बहुत से लेनदेन में लाभ मिलता है.