समंदर में इंडियन नेवी की शान बढ़ाएंगे INS Udaygiri और INS Himgiri, चीन-पाकिस्तान की धड़कनें बढ़ना तय
भारतीय नौसेना अपने इतिहास में एक नया अध्याय लिखने जा रही है. 26 अगस्त को INS Udaygiri और INS Himgiri की एक साथ कमीशनिंग होगी. ये दोनों नीलगिरि-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट्स लगभग 6,670 टन विस्थापन, 28+ नॉट्स की गति, BrahMos और Barak-8 मिसाइलें, CIWS, एंटी-सबमरीन हथियार और आधुनिक सेंसर तथा हेलीकॉप्टर संचालन क्षमता के साथ तैयार किए गए हैं. 75% स्वदेशी सामग्री और Make in India की पहचान वाले ये जहाज इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करेंगे.

भारतीय नौसेना अपने इतिहास में एक ऐतिहासिक पल गवाह बनने जा रही है. मंगलवार, 26 अगस्त को विशाखापट्टनम के ईस्टर्न नेवल कमांड में दो अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट - INS Udaygiri (F35) और INS Himgiri (F34) - की एक साथ कमीशनिंग होने जा रही है. यह घटना इसलिए भी खास है क्योंकि यह पहली बार हो रहा है कि दो फ्रंटलाइन युद्धपोत अलग-अलग शिपयार्ड से एक ही समय में नौसेना में शामिल किए जा रहे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समारोह में उपस्थित रहेंगे.
ये दोनों जहाज प्रोजेक्ट 17ए (नीलगिरि क्लास) के तहत विकसित किए गए हैं, और आधुनिक स्टील्थ तकनीक, उच्च गति, बहु-भूमिका क्षमता और 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ तैयार किए गए हैं. INS Udaygiri और Himgiri न केवल नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे, बल्कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी मिसाल पेश करेंगे. ये फ्रिगेट भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल क्षमता को पूरी तरह से बदल देंगे और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की समुद्री सुरक्षा और सामरिक श्रेष्ठता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
नाम और उनकी विरासत
INS Udaygiri और INS Himgiri के नाम भारतीय नौसेना की परंपरा का सम्मान करते हैं. INS Udaygiri पहले लींडर-क्लास जहाज के रूप में 1976 से 2007 तक सेवा में रहा. वहीं INS Himgiri 1974 से 2005 तक सेवा देने वाला लींडर-क्लास युद्धपोत था. इन नामों को दोबारा अपनाना नवयुगीन क्षमताओं और नौसेना परंपरा के संगम का प्रतीक है.
प्रोजेक्ट 17ए और नीलगिरि क्लास फ्रिगेट्स
प्रोजेक्ट 17ए, जिसे नीलगिरि क्लास भी कहा जाता है, शिवारिक-क्लास (प्रोजेक्ट 17) का उन्नत संस्करण है. यह नौसेना के वारशिप डिज़ाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिज़ाइन किया गया है. INS Udaygiri विशेष रूप से WDB का 100वां डिज़ाइन किया गया जहाज है.
- INS Udaygiri – Mazagon Dock Shipbuilders Ltd, मुंबई द्वारा निर्मित, जुलाई 2025 में डिलीवर.
- INS Himgiri – Garden Reach Shipbuilders & Engineers (GRSE), कोलकाता द्वारा निर्मित, जुलाई 2025 में डिलीवर.
- लगभग 75% स्वदेशी सामग्री, 200+ MSMEs के समर्थन से हजारों रोजगार.
- मॉड्यूलर कंस्ट्रक्शन तकनीक से तेज निर्माण और डिलीवरी.
डिजाइन और स्टील्थ क्षमता
- दोनों फ्रिगेट्स का विस्थापन लगभग 6,670 टन.
- सुपर स्ट्रक्चर में कम्पोजिट, राडार, इन्फ्रारेड, ध्वनिक और चुंबकीय हस्ताक्षर में कमी.
- आधुनिक स्टील्थ तकनीक के कारण दुश्मन के राडार और सेंसर से बचाव.
प्रोपल्शन और ऑटोमेशन
- CODOG प्रणाली (Diesel + Gas Turbines) - डीज़ल इंजन क्रूज़िंग के लिए, गैस टर्बाइन उच्च गति के लिए
- गति: 28+ नॉट्स
- Integrated Platform Management System (IPMS) - साझा प्रणालियों का स्वचालित नियंत्रण
हथियार और मिसाइल सिस्टम
- BrahMos सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल - सतही और तटीय लक्ष्य.
- Barak-8 लंबी दूरी की सतह से हवा में मिसाइलें.
- 76 मिमी मुख्य तोप, CIWS (30 मिमी & 12.7 मिमी) - बिंदु रक्षा.
- एंटी-सबमरीन - टॉरपीडो ट्यूब्स, RBU-6000 रॉकेट लॉन्चर्स.
सेंसर और विमानन क्षमता
- INS Himgiri – MF-STAR AESA राडार, BEL HUMSA-NG सोनार, Ajanta EW सुइट.
- हेंगर और फ्लाइट डेक – MH-60 Romeo, ALH Dhruv Mk-III, Sea King हेलीकॉप्टर संचालन.
- एंटी-सबमरीन, निगरानी और SAR ऑपरेशन्स में क्षमता.
नौसेना के लिए रणनीतिक लाभ
- एंटी-एयर, एंटी-सर्फेस, एंटी-सबमरीन, लैंड अटैक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा
- ईस्टर्न फ्लीट में शामिल होकर पूर्वी तट पर भारत की मौजूदगी को सुदृढ़ करना
दोनों जहाजों की विशेषताएं
INS Udaygiri और INS Himgiri दोनों फ्रिगेट्स का विस्थापन यानी डिस्प्लेसमेंट लगभग 6,670 टन है और लंबाई 149 मीटर है. इनकी गति 28 नॉट्स से अधिक है, जो लंबी दूरी और तेज़ ऑपरेशन्स के लिए पर्याप्त है. हथियारों के मामले में, दोनों जहाजों में BrahMos सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलें, Barak-8 लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइलें, 76 मिमी मुख्य तोप, Close-In Weapon Systems (CIWS) और एंटी-सबमरीन हथियार शामिल हैं. स्टील्थ डिज़ाइन के कारण ये जहाज दुश्मन के राडार और सेंसरों के लिए कम दिखाई देते हैं. INS Udaygiri में हाइड्रो-रेडियो सिग्नेचर कम करने वाली तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जबकि INS Himgiri में MF-STAR AESA राडार और अत्याधुनिक स्टील्थ डिज़ाइन शामिल हैं.
विमानन क्षमता की बात करें तो INS Udaygiri में MH-60 Romeo और ALH Dhruv Mk-III हेलीकॉप्टर संचालित किए जा सकते हैं. वहीं, INS Himgiri में MH-60 Romeo, Sea King और ALH Dhruv Mk-III हेलीकॉप्टर संचालन की सुविधा है, जो एंटी-सबमरीन, निगरानी और सर्च-एंड-रेस्क्यू ऑपरेशन्स में मदद करते हैं. इस तरह, दोनों जहाज आधुनिक युद्ध की सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए बहु-भूमिका संचालन के लिए तैयार हैं.
स्टील्थ फ्रिगेट ऐसे युद्धपोत हैं जो दुश्मन के सेंसरों और राडार से छुप सकते हैं. उनका उद्देश्य न केवल हमला और रक्षा है, बल्कि उच्च तकनीक वाले संचालन में लचीलापन भी है. INS Udaygiri और INS Himgiri की कमीशनिंग भारतीय नौसेना के लिए एक नए युग की शुरुआत है. यह स्वदेशी निर्माण, अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक, बहु-भूमिका संचालन और Make in India की सफलता का प्रतीक है. दोनों फ्रिगेट्स भारत की समुद्री ताकत को मजबूत करेंगे और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उसकी स्थिति को सुदृढ़ करेंगे.