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Mighty Daggers: भारत की सबसे घातक स्ट्राइक फोर्स 4 पैरा को जान लीजिए, ऑपरेशन महादेव को अंजाम देने वालों की वीर गाथा

4 पैरा (स्पेशल फोर्सेज), जिसे 'माइटी डैगर्स' कहा जाता है, भारतीय सेना की सबसे खतरनाक यूनिट मानी जाती है. हालिया ऑपरेशन महादेव में इस फोर्स ने जम्मू-कश्मीर में तीन आतंकियों को मार गिराया. यह वही यूनिट है जिसने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की थी. उच्च प्रशिक्षण, सटीक योजना और साहसिक कार्रवाई इसकी पहचान हैं. यह यूनिट सीमापार घुसपैठ, आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन और दुश्मन के क्षेत्र में गुप्त मिशन में विशेषज्ञता रखती है.

Mighty Daggers: भारत की सबसे घातक स्ट्राइक फोर्स 4 पैरा को जान लीजिए, ऑपरेशन महादेव को अंजाम देने वालों की वीर गाथा
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 29 July 2025 9:52 PM

भारतीय सेना की विशेष बल इकाई 4 पैरा (स्पेशल फोर्सेज), जिसे 'माइटी डैगर्स' और 'रेड डेविल्स' के नाम से भी जाना जाता है, एक बार फिर चर्चा में है. ऑपरेशन महादेव के तहत इस यूनिट ने जम्मू-कश्मीर के हरवान जंगल क्षेत्र में तीन खतरनाक आतंकियों को ढेर कर एक और साहसिक मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इनमें से एक आतंकी पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था. यह ऑपरेशन 4 पैरा की सटीक योजना, अद्वितीय साहस और गुप्त रणनीति का प्रमाण है.

4 पैरा (SF) भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट का हिस्सा है और भारत की सबसे घातक और गुप्त स्पेशल ऑप्स यूनिट मानी जाती है. यह यूनिट काउंटर टेरर ऑपरेशन, जंगल और पर्वतीय युद्ध, सर्जिकल स्ट्राइक और दुश्मन की सीमा के भीतर गहरी पैठ करने में माहिर है. 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2020 के कुपवाड़ा स्नो एन्काउंटर, और 2025 के ऑपरेशन महादेव जैसी कार्रवाइयों ने इसे देश के सबसे भरोसेमंद और खतरनाक बलों में शुमार कर दिया है.

कौन हैं 4 पैरा (स्पेशल फोर्सेज)?

4 पैरा (SF), भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट का हिस्सा है और इसे 'रेड डेविल्स' के नाम से भी जाना जाता है. यह यूनिट देश की सबसे एलिट यानी विशिष्ट और गुप्त सैन्य इकाइयों में गिनी जाती है. इनकी पहचान है - मारून रंग की 'बेरेट कैप' और दुश्मन पर बिजली जैसी तेज़ कार्रवाई. यह फोर्स काउंटर टेररिज्म, सर्जिकल स्ट्राइक, जंगल व माउंटेन वॉरफेयर, और हाई रिस्क मिशन में माहिर है. ये यूनिट कम समय में तैनाती, गहरे घुसपैठ मिशन और सटीक कार्रवाई के लिए जानी जाती है.

इनका एक अनौपचारिक नाम ‘माइटी डैगर्स’ भी है - यानी "प्रचंड खंजर", जो इनकी तीव्र, घातक और लक्ष्यभेदी कार्यशैली का प्रतीक है. ये नाम इनकी यूनिट के भीतर, कॉल साइन या ऑपरेशनल कोड के रूप में भी प्रचलित है.

ऑपरेशन महादेव: जब ‘डैगर्स’ ने दहला दिया जंगल

ऑपरेशन महादेव, जुलाई 2025 में जम्मू-कश्मीर के हरवान जंगल, डाचीगाम नेशनल पार्क क्षेत्र में अंजाम दिया गया. खुफिया सूचना के आधार पर 4 पैरा कमांडो ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया. सूत्रों के अनुसार, "एक अधिकारी और उनका बडी (कमांडो साथी) पहले आतंकियों को पहचानने में सफल हुए, इसके तुरंत बाद गोलियां चलीं और तीनों आतंकी मौके पर मारे गए." इनमें एक आतंकी पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. इस ऑपरेशन की सटीकता और तीव्रता ने एक बार फिर 4 पैरा की प्रतिष्ठा को मजबूत किया.

4 पैरा ने कौन-कौन से प्रमुख ऑपरेशन किए?

  1. सर्जिकल स्ट्राइक (2016) : उरी हमले के बाद 4 पैरा ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकी लॉन्चपैड्स को नष्ट किया. रात के अंधेरे में घुसपैठ कर, ऑपरेशन के बाद बिना किसी नुकसान के लौट आना - यह 4 पैरा की योजनाबद्ध सटीकता का प्रमाण था.
  2. कुपवाड़ा स्नो एन्काउंटर (अप्रैल 2020): भारी बर्फ और दुर्गम पहाड़ियों में कमांडो हेलिकॉप्टर से उतरे और पांच आतंकियों को करीब से मार गिराया. एक जवान के खाई में गिर जाने के बाद भी ऑपरेशन सफल रहा. यह ऑपरेशन ऊंचाई, बर्फ और दुर्गमता में लड़ने की 4 पैरा की क्षमता को दर्शाता है.
  3. ऑपरेशन महादेव (2025): तीन आतंकियों को खत्म करना, जिनमें पहलगाम हमले के पीछे का दिमाग भी शामिल था, 4 पैरा की सबसे ताजा और महत्वपूर्ण कार्रवाई है. ऑपरेशन में आतंकियों को जंगल में ट्रैक कर घेराबंदी की गई और सटीक गोलाबारी से उन्हें ढेर किया गया.

कैसे बनी 4 पैरा (SF)?

4 पैरा की नींव ब्रिटिश इंडियन आर्मी के ज़माने में 1941 में रखी गई थी. यह यूनिट शुरुआत में द्वितीय विश्व युद्ध के बर्मा अभियान में शामिल रही. 1965 और 1971 के युद्धों में 4 पैरा ने पैरा इन्फैंट्री के रूप में हिस्सा लिया. 1980 के दशक में देश की सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए इसे स्पेशल फोर्सेज के तौर पर विकसित किया गया. 2001 में संसद पर आतंकी हमले के बाद, बढ़ते खतरे को देखते हुए इसे औपचारिक रूप से Special Forces यूनिट में बदल दिया गया. इसके साथ ही इसे भारत की टियर 1 स्पेशल ऑप्स यूनिट का दर्जा मिला.

प्रशिक्षण और चयन प्रक्रिया

4 पैरा में शामिल होना बेहद कठिन है. जवानों को देश की सबसे कठिन प्रोबेशन से गुजरना पड़ता है. इसके प्रशिक्षण केंद्र बेलगाम (कर्नाटक), नाहन (हिमाचल प्रदेश) और आगरा (पैराशूट स्कूल) में हैं.

प्रशिक्षण स्किल्स

  • HALO (High Altitude, Low Opening) पैराशूट जंप
  • जंगल वारफेयर
  • माउंटेन वॉरफेयर
  • अर्बन क्लोज क्वार्टर बैटल (CQB)
  • स्पाई सर्विलांस और डीप इनफिल्ट्रेशन
  • यह यूनिट मानसिक, शारीरिक और रणनीतिक क्षमता की पराकाष्ठा है.

क्यों कहलाते हैं ‘Red Devils’?

यह उपनाम केवल उनकी मारून बेरेट की वजह से नहीं है, बल्कि उनके मुकाबले के अंदाज और इतिहासिक सैन्य टुकड़ियों से मिलता-जुलता है. ब्रिटिश सेना की पैराट्रूपर्स यूनिट को द्वितीय विश्व युद्ध में ‘रेड डेविल्स’ कहा जाता था. भारतीय 4 पैरा SF ने भी उसी साहस, दृढ़ता और वीरता को अपनाया और इसी सम्मान को अपने कॉल साइन में जगह दी.

4 पैरा के लिए सम्मान क्यों?

  • यह यूनिट छद्म वेश में काम करती है
  • मिशनों का पब्लिक क्रेडिट अक्सर नहीं लिया जाता
  • दुश्मन के इलाके में महीनों तक गुप्त ऑपरेशन करती है
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और सेना प्रमुख के अधीन कार्य करती है
  • इन्हें “स्वीकार नहीं, पहचान नहीं, माफ नहीं” जैसे आदर्शों पर प्रशिक्षित किया जाता है

4 पैरा (SF) सिर्फ एक सैन्य यूनिट नहीं, बल्कि भारतीय सेना का वह तेज खंजर है जो आतंक के दिल में सीधे उतरता है. ऑपरेशन महादेव से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक, हर मिशन ने 4 पैरा की दक्षता, साहस और रणनीतिक कौशल को सिद्ध किया है. इस यूनिट का प्रत्येक ऑपरेशन न केवल सैन्य विजय की कहानी है, बल्कि हर भारतीय नागरिक के आत्मविश्वास और गर्व का प्रतीक है.

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