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लंदन में भारतीयों का कब्जा! अब ब्रिटिश लोगों से ज्यादा प्रॉपर्टी के मालिक बने भारतीय, Social Media में फिर मचा हल्ला

भारतीयों ने अब लंदन की रियल एस्टेट में ब्रिटिश नागरिकों को भी पीछे छोड़ दिया है. एनआरआई और भारतीय निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के चलते लंदन में सबसे ज़्यादा प्रॉपर्टी अब भारतीयों के पास है. सोशल मीडिया पर इसे लेकर जबरदस्त चर्चा और गर्व की लहर देखने को मिल रही है.

लंदन में भारतीयों का कब्जा! अब ब्रिटिश लोगों से ज्यादा प्रॉपर्टी के मालिक बने भारतीय, Social Media में फिर मचा हल्ला
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 4 July 2025 8:10 AM

लंदन की सड़कों पर अब सिर्फ़ अंग्रेज़ों का ही नहीं, बल्कि भारतीयों का भी बोलबाला है. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक रिपोर्ट वायरल हुई है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीयों के पास अब लंदन में ब्रिटिश मूल के लोगों से ज़्यादा प्रॉपर्टी है. इस खबर ने न सिर्फ रियल एस्टेट की दुनिया में हलचल मचाई है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.

ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर हजारों यूज़र्स इस ट्रेंड को लेकर गर्व जाहिर कर रहे हैं. जिसके बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स तरह- तरह के दावें कर रहे हैं. आइए जानते सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पोस्ट पर यूजर्स का क्या कहना है?

क्या बोले यूजर्स?

Demetrious J. Carter के मुताबिक, इंग्लैंड शतरंज खेल रहा है, और उधर भारत ‘UNO’ खेलते हुए रिवर्स कार्ड से पलटवार कर रहा है!Eugene Boles नाम के एक यूजर ने लिखा कि, मुर्गियां अब घर लौट रही हैं, ब्रिटेन का उपनिवेशीय एक्सचेंज प्रोग्राम अब उल्टा पड़ रहा है. जिन देशों को ब्रिटेन ने कभी गुलाम बनाया था, अब वही देश आकर हिसाब बराबर कर रहे हैं. Floyd Francisco Fernandes के नाम के एक यूजर ने लिखा कि, राजा को अब यॉर्कशायर पुडिंग के साथ डोसा परोसा जाएगा! इस तरह हर कोई अपनी- अपनी राय दे रहा है.

साथ ही कोई इसे भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत बता रहा है तो कोई इसे 'ब्रेन ड्रेन का रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट" कह रहा है. कई यूज़र्स ने मीम्स के जरिए यह बताया कि कैसे अब भारतीय लंदन में सिर्फ पढ़ाई या नौकरी के लिए नहीं, बल्कि संपत्ति के मालिक बनने के लिए भी पहुंच रहे हैं.

क्यों बढ़ी है लंदन में भारतीयों की दिलचस्पी?

इस ट्रेंड के पीछे कई वजहें मानी जा रही हैं- लंदन का ग्लोबल फाइनेंशियल हब होना, जहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं. एनआरआई और इंटरनेशनल इन्वेस्टर्स की बढ़ती संपन्नता, जिससे विदेशी संपत्ति खरीदना अब आसान हो गया है. ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली की प्रतिष्ठा, जिसके कारण भारतीय परिवार लंदन में घर खरीदकर अपने बच्चों को वहीं स्थापित करना चाहते हैं.

क्या है इसका असर?

इस बढ़ते ट्रेंड से यह साफ है कि भारतीय अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक रियल एस्टेट मार्केट में पावरहाउस बन चुके हैं. लंदन जैसी महंगी जगह पर भारतीयों की संपत्ति बढ़ना इस बात का संकेत है कि भारत की आर्थिक पहुंच अब सीमाओं को लांघ चुकी है.

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