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Indian Railways: 6 साल और 33 करोड़ से ज्‍यादा यात्री, 2019 से लगातार बढ़ रही सवारियों की संख्‍या; जानिए पूरा डेटा

पिछले छह वर्षों (2019-20 से 2024-25) में भारतीय रेल से 3,349 करोड़ यात्री यात्रा कर चुके हैं, जिसमें 418 करोड़ आरक्षित और 2,931 करोड़ अनारक्षित यात्री शामिल हैं. कोविड-19 के कारण 2020-21 और 2021-22 में गिरावट आई, लेकिन इसके बाद तेजी से बढ़ोतरी हुई. इस दौरान त्योहारों और कुंभ मेले के लिए विशेष ट्रेनें चलाई गईं.

Indian Railways: 6 साल और 33 करोड़ से ज्‍यादा यात्री, 2019 से लगातार बढ़ रही सवारियों की संख्‍या; जानिए पूरा डेटा
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( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 25 July 2025 10:33 AM

भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय परिवहन नेटवर्क है. लाखों लोग रोजाना इसे अपने सफर के लिए चुनते हैं. पिछले कुछ वर्षों में रेलवे ने कई बड़े बदलाव किए हैं - वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों का शुभारंभ, ट्रैक डबलिंग, नई लाइनों का निर्माण और स्टेशनों का आधुनिकीकरण. इन पहलों का सीधा असर यात्री संख्या पर भी पड़ा है. हाल ही में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से लोकसभा में पूछा कि 2019 से अब तक कितने लोगों ने ट्रेन से सफर किया?

रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी पूरे साल समान नहीं रहती, यह पीक सीजन और ऑफ-सीजन पर निर्भर करती है. दुर्गा पूजा, दीपावली या छठ जैसे त्योहारों में ट्रेनों में 100% तक बुकिंग रहती है, जबकि ऑफ-सीजन में यह कम हो जाती है.

6 साल का रेलवे पैसेंजर डेटा

रेलवे मंत्री के मुताबिक, पिछले छह सालों (2019-20 से 2024-25) में कुल 3,349 करोड़ यात्रियों ने भारतीय रेल में सफर किया. इनमें से 418 करोड़ रिजर्व्ड और 2,931 करोड़ अनरिजर्व्ड क्लास के यात्री थे. ध्यान देने वाली बात है कि 2020-21 और 2021-22 कोविड प्रभावित साल थे, जब यात्री संख्या काफी कम रही.

फेस्टिवल सीजन में स्पेशल ट्रेनें

  • भीड़ को देखते हुए रेलवे ने त्योहारों और विशेष आयोजनों के दौरान अतिरिक्त ट्रेनें चलाईं.
  • दुर्गा पूजा/दीपावली/छठ 2024: 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2024 तक 7,990 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिससे करीब 1.8 करोड़ यात्रियों ने सफर किया.
  • महाकुंभ 2025: 13 जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक 17,300 से ज्यादा ट्रेनें संचालित हुईं, जिससे 4.24 करोड़ यात्रियों को सुविधा मिली.

जनरल/अनरिजर्व्ड कोच के आंकड़े

वर्ष

यात्रियों की संख्या

2020-21

99 करोड़ (कोविड वर्ष)

2021-22

275 करोड़ (कोविड वर्ष)

2022-23

553 करोड़

2023-24

609 करोड़

2024-25

651 करोड़

मुंबई लोकल: सुरक्षा का संकट

इसी रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 2024 में मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क पर 2,282 मौतें दर्ज की गईं, जो रेल सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का विषय हैं. रेल मंत्री के अनुसार, इन घटनाओं की प्रमुख वजहें पटरियों को पार करना (trespassing), ट्रेनों से गिरना, पोल से टकराना, प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच गॅप में गिरना रहीं. क्षेत्रवार आंकड़े बताते हैं कि अकेले मुंबई ज़िले में 1,408 मौतें हुईं, जबकि ठाणे में 615, नवी मुंबई में 131, और रायगढ़ में 128 मौतें दर्ज हुईं.

रेलवे की चुनौतियां और भविष्य

रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है. अनरिजर्व्ड कोचों में बढ़ती मांग को देखते हुए नए कोच जोड़े जा रहे हैं और आधुनिक ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है. आने वाले वर्षों में वंदे भारत एक्सप्रेस और नई तकनीक वाली ट्रेनों से सफर और भी आरामदायक होने की उम्मीद है.

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