भारतीय मुस्लिम युवक को आखिर क्यों US पुलिस ने मारी गोली? परिजनों ने लगाया ये आरोप, पिता ने शव को लेकर मोदी सरकार ले लगाई गुहार
अमेरिका के कैलिफोर्निया में तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले 30 वर्षीय मोहम्मद निजामुद्दीन की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई. वह 2016 में पढ़ाई के लिए अमेरिका गए थे और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के रूप में काम कर रहे थे. बताया जा रहा है कि रूममेट से झगड़े के बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया और गोली चला दी. परिजनों का आरोप है कि बिना उचित जांच के फायरिंग की गई. मृतक के पिता ने मोदी सरकार और विदेश मंत्रालय से शव को भारत लाने की अपील की है.

अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य से एक दर्दनाक खबर सामने आई है. तेलंगाना के महबूबनगर जिले के रहने वाले 30 वर्षीय मोहम्मद निजामुद्दीन की 3 सितंबर को पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि घटना उसके रूममेट से मामूली कहासुनी के बाद बिगड़े हालात के दौरान हुई. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने बिना सही जांच किए गोली चला दी, जिससे निजामुद्दीन की मौके पर ही जान चली गई.
निजामुद्दीन 2016 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए थे. एमएस पूरा करने के बाद वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी से जुड़े और प्रमोशन मिलने के बाद कैलिफोर्निया शिफ्ट हो गए थे. घटना की सूचना मिलने के बाद से उनके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है और पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने भारत सरकार से बेटे का पार्थिव शरीर स्वदेश लाने की अपील की है.
मामूली विवाद से शुरू हुई घटना
परिवार और रिश्तेदारों के अनुसार, निजामुद्दीन का अपने रूममेट से एयर कंडीशनर (AC) को लेकर विवाद हुआ था. पड़ोसी ने झगड़े की आवाज सुनकर पुलिस को सूचना दी। बताया जाता है कि विवाद बढ़कर चाकू तक पहुंच गया और तभी पुलिस मौके पर पहुंची.
पुलिस की फायरिंग में गई जान
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब पुलिस ने कमरे में प्रवेश किया तो दोनों से हाथ ऊपर करने को कहा गया। एक युवक ने आदेश का पालन किया, जबकि दूसरे ने नहीं किया। इसके बाद पुलिस ने सीधे चार राउंड फायरिंग की, जिसमें निजामुद्दीन की मौत हो गई. पीड़ित के पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर मदद मांगी है. उन्होंने कहा कि 'आज सुबह मुझे पता चला कि मेरे बेटे को सांता क्लारा पुलिस ने गोली मार दी है और उसका शव वहां के किसी अस्पताल में है. मुझे अभी तक सही कारण नहीं पता कि पुलिस ने क्यों गोली चलाई.'
रिश्तेदारों ने उठाए सवाल
एक रिश्तेदार ने ANI से कहा कि 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने बिना ठीक से जांच किए गोली चला दी. सबकुछ बहुत जल्दी हो गया. उन्होंने तेलंगाना सरकार से भी आग्रह किया कि शव को जल्द से जल्द महबूबनगर लाने की व्यवस्था की जाए. मजलिस बचाओ तहरीक (MBT) प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पिता का लिखा पत्र साझा किया और केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की.