4 साल का इंतजार आज खत्म! भारत-ब्रिटेन की FTA डील होगी साइन, जानें दोनों देशों को क्या होगा फायदा
India-UK FTA Deal: आज भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाला एफटीए समझौता दोनों देशों के बीच तीन वर्ष से चल रही बातचीत का परिणाम है. इसके तहत भारत अपने लगभग 99% निर्यात वस्तुओं को ब्रिटेन में शून्य सीमा शुल्क पर पहुंचा सकेगा, जबकि ब्रिटेन को भारत में 90% से अधिक वस्तुओं पर शुल्क में कटौती मिलेगी.

India-UK FTA Deal: प्रधानमंत्री बुधवार (23 जुलाई) को अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए ब्रिटेन पहुंचे. जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ. उनकी ये यात्रा भारत और ब्रिटेन के रिश्तों लेकर काफी अहम मानी जा रही है. यात्रा का उद्देश्य भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते यानी FTA को औपचारिक रूप देना है.
जानकारी के अनुसार, साल 2021 में एफटीए समझौता करना की कोशिश की गई थी. फिर 2022 में बात और आगे बढ़ी. अब फाइनली दोनों देशों के बीच यह डील होने वाली है. जैसे ही ब्रिटिश सांसद इसका मंजूरी देंगे एफटीए डील हो जाएगी. प्रधानमंत्री ने 6 मई 2025 को बताया कि भारत और ब्रिटेन ने एफटीए समझौते पर सहमति बना ली है.
क्या है भारत और ब्रिटेन का एफटीए समझौता?
भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाला एफटीए समझौता दोनों देशों के बीच तीन वर्ष से चल रही बातचीत का परिणाम है. इसे ब्रिटेन का Brexit के बाद सबसे महत्वाकांक्षी द्विपक्षीय व्यापार समझौता माना जा रहा है. इसके तहत भारत अपने लगभग 99% निर्यात वस्तुओं को ब्रिटेन में शून्य सीमा शुल्क पर पहुंचा सकेगा, जबकि ब्रिटेन को भारत में 90% से अधिक वस्तुओं पर शुल्क में कटौती मिलेगी- जिनमें शराब, व्हिस्की, जिन, वाहन, मेडिकल डिवाइस, और खाद्य सामग्री शामिल हैं.
कब होगी डील?
24 जुलाई 2025 यानी आज पीएम मोदी ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर के साथ इस पर बातचीत करेंगे. चेकर्स ब्रिटिश पीएम का आधिकारिक निवास है, जो कि लंदन से 50 किलोमीटर दूर स्थित है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश जोनाथन रेनॉल्ड्स आज आज दोनों देशों के प्रधानमंत्री के मौजूदगी में डील पर साइन कर सकते हैं.
FTA डील पर कब हुई चर्चा?
- मई 2021 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उन्नत व्यापार साझेदारी (Enhanced Trade Partnership) की घोषणा की, जिसमें मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की दिशा में कदम उठाने का संकेत था.
- जनवरी 2022 में इस साझेदारी को औपचारिक बातचीत के रूप में तब्दील किया गया और इसी दौरान पहली आधिकारिक वार्ता आयोजित की गई.
- जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच कुल 15 दौर की वार्ताएं हुईं, जिनमें दिल्ली और लंदन सहित दोनों देशों की मेजबान थीं.
- इस साल 24 फरवरी 2025 को अंतिम वार्ता की शुरुआत हुई और यह करीब ढाई महीनों तक चली, जो 6 मई 2025 तक सम्पन्न हुई.
- जुलाई 2024 में जब केइर स्टारमर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने, उन्होंने भारत को आश्वासन दिया कि इस समझौते को जल्द पूरा किया जाएगा और बातचीत को फिर से पटरी पर लाने का वादा किया.