भारत-UK फ्री ट्रेड डील पर कैबिनेट की मंजूरी, 24 जुलाई को लंदन में मोदी का मास्टरस्ट्रोक! जानिए इससे आम आदमी को क्या मिलेगा
भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को आखिरकार भारतीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. यह समझौता आधिकारिक तौर पर ‘Comprehensive Economic and Trade Agreement’ (CETA) के नाम से जाना जाएगा और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी लंदन यात्रा के दौरान 24 जुलाई को हस्ताक्षरित किया जाएगा.

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को आखिरकार भारतीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. यह समझौता आधिकारिक तौर पर ‘Comprehensive Economic and Trade Agreement’ (CETA) के नाम से जाना जाएगा और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी लंदन यात्रा के दौरान 24 जुलाई को हस्ताक्षरित किया जाएगा. इस अहम दौरे में प्रधानमंत्री मोदी के साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल होंगे.
यह समझौता भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक 120 अरब डॉलर तक दोगुना करना है. इस व्यापार समझौते के तहत भारत के परिधान, चमड़ा और जूते जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों के निर्यात पर लगने वाले टैक्स हटाए जाएंगे. वहीं, यूके से आने वाली व्हिस्की और कारों के आयात पर शुल्क में कमी की जाएगी, जिससे ये उत्पाद भारत में सस्ते हो सकेंगे.
समझौते में किन-किन क्षेत्रों को किया गया शामिल
यह एफटीए वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार के साथ-साथ नवाचार, सरकारी खरीद और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी कवर करेगा. इसमें दोनों देशों के लिए नियमों को सरल बनाया जाएगा जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद इसे प्रभाव में लाने के लिए ब्रिटिश संसद की मंजूरी आवश्यक होगी. सामान्य प्रक्रिया के अनुसार, ऐसे समझौते दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित किए जाते हैं.
सोशल सिक्योरिटी समझौते पर भी बनी सहमति
एफटीए के साथ-साथ दोनों देशों के बीच ‘Double Contribution Convention Agreement’ पर भी वार्ता पूरी हो चुकी है. इस सामाजिक सुरक्षा समझौते से उन भारतीय पेशेवरों को राहत मिलेगी जो सीमित समय के लिए यूके में कार्यरत हैं, क्योंकि अब उन्हें दोनों देशों में सामाजिक सुरक्षा अंशदान नहीं देना होगा.
निवेश समझौते पर वार्ता जारी
हालांकि एफटीए पर सहमति बन गई है, लेकिन द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) को लेकर बातचीत अभी भी चल रही है. इस निवेश संधि का उद्देश्य पारस्परिक निवेश को संरक्षित करना और उसे बढ़ावा देना है. वर्ष 2024-25 में भारत से यूके को निर्यात 12.6% की वृद्धि के साथ 14.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि आयात 2.3% बढ़कर 8.6 अरब डॉलर रहा. इसी तरह, दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 21.34 अरब डॉलर हो गया.