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ड्रैगन की हुई टांय-टांय फिस्स! जासूसी गुब्बारे से रख रहा था भारत पर नजर, सेना ने मार गिराया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईस्टर्न फ्रंट पर करीब 55,000 फीट की ऊंचाई पर एक जीनी जैसे जासूसी गुब्बारे को उड़ते देखा गया. सूचना मिलते ही भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई की और इसे मार गिराया. इस ऑपरेशन को हाल ही में अंजाम दिया गया लेकिन जानकारी अभी सार्वजनिक की गई है. इस ऑपरेशन से पहले सेना की यह तैयारी थी.

ड्रैगन की हुई टांय-टांय फिस्स! जासूसी गुब्बारे से रख रहा था भारत पर नजर, सेना ने मार गिराया
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credit- @Defence_Squad_
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 7 Oct 2024 10:42 AM IST

Indian Army News: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है. ड्रैगन भारत के खिलाफ हमेशा नए-नए प्लान बनाता है. इस बार तो उसने हद ही कर दी. चीनी सरकार अब जासूसी गु्ब्बारे की मदद से भारत पर नजर रख रहा था. उसकी इस नापाका कदम का भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईस्टर्न फ्रंट पर करीब 55,000 फीट की ऊंचाई पर एक जीनी जैसे जासूसी गुब्बारे को उड़ते देखा गया. सूचना मिलते ही भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई की और इसे मार गिराया. इस ऑपरेशन को हाल ही में अंजाम दिया गया लेकिन जानकारी अभी सार्वजनिक की गई है.

गुब्बारे की मदद से जासूसी

भारतीय सेना ने चीन के जासूस गुब्बारे को फोड़ दिया है. यह गुब्बारा 55,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर उड़ रहा था, जिसे गिराने के लिए सेना को बहुत मेहनत करनी पड़ी. आखिरकार गुब्बारे को मारकर गिरा दिया गया. इस दौरान सेना ने चीनी गुब्बारों जैसे ऑब्जेक्ट्स को हवा में उड़ाया. इसके बाद राफेल फाइटर जेट हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइस के माध्यम से इस ऑब्जेक्ट को मार गिराया. इस ऑपरेशन से पहले सेना की यह तैयारी थी.

कब हुआ राफेल का प्रदर्शन

सूत्रों के अनुसार सेना का राफेल का यह प्रदर्शन 4 फरवरी 2023 को 55 हजार फीट की ऊंचाई पर किया गया. जितनी ऊंचाई पर प्रैक्टिस की गई थी वो उससे कहीं ज्यादा थी. इसके अलावा टारगेट बनाया गया बैलून उस चीनी बैलून से छोटा था जिसने अमेरिका हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था. आपको बता दें कि चीन हमेशा बंगाल की खाड़ी और दक्षिण भारतीय समुद्र में अपना जासूसी जहाज भेजता है. उसका मकसद भारत की बैलिस्टिक मिसाइल लांच को ट्रैक करना है.

कैसा होता है चीनी जासूस गुब्बारा

चीनी जासूसी गुब्बारे अनमैन्ड एयरशिप्स जैसे होते हैं. यह खास किस्म का ट्रांसमिशन भेजते हैं, जिन्हें डिटेक्ट या इंटरसेप्ट करना बहुत मुश्किल होता है. जानकारी के मुताबिक इसे साल 2022 की शुरुआत में अंडमान और निकोबार के करीब देखा गुब्बारे जैसा ऑब्जेक्ट देखा था. चीन ऐसी हरकत करके नेविगेशन और सबमरीन ऑपरेशन पर नजर रखना चाहता है.

अमेरिका पर भी रखी नजर

पिछले साल कुछ चीनी गुब्बारे अमेरिका में 200 फीट ऊंचाई पर उड़ रहे थे. अमेरिकी एफ-22 रैप्टर ने इन गुब्बारों को एआईएम-9 एक्स साइडवाइंडर मिसाइल का उपयोग करके मार गिराया था. बाद में अमेरिका ने भारत समेत अन्य देशो को इस बारे में जानकारी दी थी. हालांकि चीन ने अमेरिका के इस दावे को झूठा ठहराया था. चीन ने कहा था कि यूएस के ऊपर उड़ रहा गुब्बारा जासूसी के लिए नहीं था और गलती से अमेरिकी एयर स्पेस में प्रवेश कर गया था.

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