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ISI का जासूसी जाल: भारत में पकड़े गए 10 सबसे बड़े पाकिस्‍तानी एजेंट

India Pakistan Tension: ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह से सुरक्षा एजेंसियों ने ज्‍योति मल्‍होत्रा समेत करीब एक दर्जन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्‍तान के लिए जासूसी कर रहे थे. अब उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ISI अब बेरोजगार युवाओं, लोअर-ग्रेड कर्मचारियों और महिलाओं को भी टारगेट कर रहा है.

ISI का जासूसी जाल: भारत में पकड़े गए 10 सबसे बड़े पाकिस्‍तानी एजेंट
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India-Pakistan: “वो पड़ोसी है, मगर दोस्त नहीं. उसकी खामोशी भी संदिग्ध है और हर मुस्कराहट में मंशा छुपी होती है.” भारत और पाकिस्तान के बीच का रिश्ता सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं है. इस रिश्ते का सबसे काला पहलू है – जासूसी (Espionage). भारत में पिछले दो दशकों में दर्जनों पाकिस्तानी जासूस पकड़े गए हैं, जो कभी फर्जी दस्तावेज़ों पर जी रहे थे, कभी सेना की जानकारी चुरा रहे थे, और कभी राजनयिक चोले में जासूसी का धंधा कर रहे थे.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह से सुरक्षा एजेंसियों ने ज्‍योति मल्‍होत्रा समेत करीब एक दर्जन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्‍तान के लिए जासूसी कर रहे थे, तो एक बार फिर दोनों देशों के बीच जासूस का मामला गर्म है.

2020 के बाद ISI की नई रणनीति: डिजिटल जासूसों का युग

जहां पहले ISI एजेंट रेलवे प्लेटफॉर्म, बॉर्डर इलाकों या सेना के बेस कैंप्स के आसपास फिजिकली एक्टिव रहते थे, अब जासूसी के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव आया है. WhatsApp और Telegram जैसे एप्स के ज़रिए तस्वीरें और मैसेज भेजे जा रहे हैं. फर्जी भारतीय IDs बनाकर Navy, DRDO और Railways में नौकरी पाने की कोशिश की जा रही है. ISI अब बेरोजगार युवाओं, लोअर-ग्रेड कर्मचारियों और महिलाओं को भी टारगेट कर रहा है.

जब ISI की चाल भारत की पकड़ में आई

1. इमरान अली (2016)

दिल्ली में पाकिस्तानी हाइ कमीशन में क्लर्क के रूप में काम कर रहा था. फर्जी दस्तावेजों और नक्शों को कैमरे से स्कैन कर ISI को भेजता था. भारत ने Persona Non Grata घोषित कर निष्कासित किया.

2. मेहबूब मुज्तबा (2006, बेंगलुरु)

रावलपिंडी का रहने वाला ये शख्‍स भारतीय पासपोर्ट पर कई सालों से रह रहा था. DRDO से जुड़े इलाके की रेकी करता था. पाकिस्तान ने पहचान से इनकार किया; आज भी भारतीय जेल में.

3. इरशाद खान (कानपुर, 2016)

कानपुर से सेना की यूनिट मूवमेंट की जानकारी पाक को भेजता था. सोशल मीडिया पर POK से हैंडलिंग हो रही थी. NIA जांच में खुलासा हुआ कि उसे हर जानकारी पर 5,000 रुपये मिलते थे.

4. क़मर-उज़-ज़मां (लखनऊ, 2021)

ISI का साइबर एजेंट था. भारत के सैन्य सर्वर में घुसपैठ की कोशिश करता था. UAPA के तहत केस दर्ज हुआ.

5. अरशद चीमा (1999)

पाकिस्तानी राजनयिक (RAW केस में हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी). भारत में ISI के लिए रॉकेट सिस्टम से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करता था. Persona Non Grata घोषित कर भारत से निष्कासित किया गया.

6. अब्‍दुल सलाम भूटानी (2012)

कराची के रहने वाले अब्‍दुल सलाम भूटानी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था. वह भारतीय सेना की गतिविधियों की रेकी कर रहा था और उसके पास से कई नक्शे और दस्तावेज जब्त किए गए थे. उसपर UAPA के तहत मामला चलाया गया.

7. मोहम्‍मद एहसा (2020)

ISI एजेंट मोहम्‍मद एहसान भारतीय नौसेना में नौकरी पाने की कोशिश में था. उसे मुंबई से गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से कई फर्जी दस्‍तावेज बरामद हुए थे. जासूसी एक्ट के तहत उसके खिलाफ मामला चला.

8. नासिर खान (2014)

ISI हैंडलर नासिर खान को राजस्थान के जैसलमेर से साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था. वह बॉर्डर मूवमेंट और सेना की यूनिट्स की जानकारी भेजा करता था. स्पाई एक्ट के तहत उसे सजा सुनाई गई.

9. आबिद हुसैन (2016)

पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत आबिद हुसैन पर भारतीय खुफिया जानकारियां इकट्ठा कर ISI को देने का आरोप था. 2016 में उसे दिल्‍ली से पकड़ा गया और Persona Non Grata घोषित कर देश से निकाल दिया गया.

10. अब्दुल्ला खान (2015)

2015 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में गिरफ्तार किए गए अब्दुल्ला खान पर भारतीय सैन्य ठिकानों की जानकारी पाकिस्तान को भेजने का आरोप था. उसके पास से संवेदनशील दस्तावेज और नक्शे बरामद किए गए थे.

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