Begin typing your search...

उस स्कूल को देखने की तमन्ना है जहां मैं कक्षा 4 तक पढ़ा; मनमोहन सिंह की नहीं पूरी हो सकी ये इच्छा?

देश ने अपने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया. 92 वर्ष की आयु में उनका गुरुवार शाम निधन हो गया. अचानक बेहोश होने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की दुखद खबर के साथ ही उनकी एक अधूरी इच्छा चर्चा का विषय बन गई, जिसे पूरा न कर पाने का उन्हें जीवनभर मलाल रहा.

उस स्कूल को देखने की तमन्ना है जहां मैं कक्षा 4 तक पढ़ा; मनमोहन सिंह की नहीं पूरी हो सकी ये इच्छा?
X
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 27 Dec 2024 7:28 AM IST

देश ने अपने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया. 92 वर्ष की आयु में उनका गुरुवार शाम निधन हो गया. अचानक बेहोश होने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की दुखद खबर के साथ ही उनकी एक अधूरी इच्छा चर्चा का विषय बन गई, जिसे पूरा न कर पाने का उन्हें जीवनभर मलाल रहा.

26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह का परिवार भारत-पाक विभाजन के बाद भारत आ गया. हालांकि, अपने जन्मस्थान और वहां की यादें उनके दिलो-दिमाग से कभी नहीं हट पाईं. उनका जीवन उनकी इसी कसक और भारत के लिए उनके अपार योगदान की गवाही देता है.

राजीव शुक्ला ने मनमोहन सिंह की अधूरी अच्छा का किया खुलासा

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने डॉ. मनमोहन सिंह की अधूरी इच्छा का खुलासा करते हुए कहा था कि विदेश में नौकरी के दौरान डॉ. सिंह एक बार अपने पाकिस्तानी दोस्त के साथ रावलपिंडी गए थे. उस यात्रा के दौरान उन्होंने उस गुरुद्वारे के दर्शन किए, जहां वे बैसाखी के दिन जाया करते थे.

हालांकि, डॉ. मनमोहन सिंह अपने पैतृक गांव नहीं जा सके. यह उनकी एक गहरी इच्छा थी, जिसे वे ताउम्र पूरा नहीं कर पाए. उनका गांव और वहां की यादें हमेशा उनके दिल में रहीं, लेकिन विभाजन के कारण उनके लिए यह सपना अधूरा ही रह गया. उनके जीवन की यह अधूरी ख्वाहिश उनके मानवीय और जमीनी व्यक्तित्व का परिचायक है.

राजीव शुक्ला के मुताबिक, भारत में प्रधानमंत्री रहते हुए वो एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थे. अपने गांव को देखना चाहते थे जहां वो पले बढ़े. उस स्कूल को देखना चाहते थे जहां से उन्होंने शुरुआती शिक्षा ली थी. एक बार मैं उनके साथ पीएम हाउस में बैठा था. वहीं बातचीत के दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा पाकिस्तान जाने का बड़ा मन है. जब मैंने उनसे पूछा वहां कहां, तो उन्होंने कहा कि मैं अपने गांव जाना चाहता हूं.

Congress
अगला लेख