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8 कलश में इंसानी हड्डियां और बाल, लीलावती अस्पताल में काला जादू और तंत्र-मंत्र, अरबों रुपये का खेल

मुंबई के जाने माने लीलावती अस्पताल को संचालित करने वाले ट्रस्ट ने पूर्व ट्रस्टियों पर 2,100 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है. लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट का दावा है कि इस गबन में से 1,200 करोड़ रुपये की राशि सीधे हड़पी गई है.

8 कलश में इंसानी हड्डियां और बाल, लीलावती अस्पताल में काला जादू और तंत्र-मंत्र, अरबों रुपये का खेल
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 11 March 2025 11:41 PM IST

मुंबई के जाने माने लीलावती अस्पताल को संचालित करने वाले ट्रस्ट ने पूर्व ट्रस्टियों पर 2,100 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है. लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट का दावा है कि इस गबन में से 1,200 करोड़ रुपये की राशि सीधे हड़पी गई है. ट्रस्ट ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए धन की वापसी की मांग की है. 7 मार्च को ट्रस्ट ने बांद्रा पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) में नई शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि धन की कमी के कारण अस्पताल में हजारों मरीजों को दी जाने वाली सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.

अस्पताल के कार्यकारी निदेशक और मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने बताया कि पूर्व ट्रस्टी फिलहाल बेल्जियम और दुबई में हैं. मामले में एक चौंकाने वाला पहलू यह भी सामने आया कि पूर्व ट्रस्टियों ने कथित रूप से जादू-टोना किया था. परमबीर सिंह के अनुसार, ट्रस्टी के कार्यालय के फर्श के नीचे आठ कलश मिले, जिनमें मानव अवशेष – हड्डियाँ और बाल – थे. इन वस्तुओं को पुलिस ने सबूत के तौर पर जब्त कर लिया है.

फोरेंसिक ऑडिट से हुआ घोटाले का खुलासा

हालांकि, यह मामला कई वर्षों से अदालत में लंबित था, लेकिन ट्रस्ट में नई टीम के आने के बाद किए गए फोरेंसिक ऑडिट में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं. ऑडिट में पाया गया कि पूर्व ट्रस्टियों ने फंड की हेराफेरी, अवैध वित्तीय लेन-देन, धोखाधड़ी वाले निवेश और रिश्वतखोरी को अंजाम दिया. अस्पताल के गुजरात स्थित शाखा से कीमती सामान की चोरी की भी जांच की जा रही है. इसके अलावा, आयकर विभाग ने उच्च न्यायालय में 500 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली के लिए मामला दर्ज किया है, जिसमें आरोप है कि पूर्व ट्रस्टियों ने धोखाधड़ी से यह धन खर्च किया.

ट्रस्ट का बयान

लीलावती अस्पताल के स्थायी निवासी ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने बयान जारी कर कहा, 'फोरेंसिक ऑडिट में सामने आया घोटाला न केवल पूर्व ट्रस्टियों द्वारा विश्वासघात को दर्शाता है, बल्कि अस्पताल के मिशन के लिए भी खतरा है. हम सुनिश्चित करेंगे कि इस घोटाले में शामिल हर व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाए और प्रवर्तन निदेशालय से अनुरोध करेंगे कि वह पीएमएलए के तहत त्वरित कार्रवाई करे. 7 मार्च को दर्ज की गई नई एफआईआर के आधार पर विस्तृत जांच जारी है. ट्रस्ट ने धन की वापसी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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