नागपुर का Smruti Mandir क्यों है इतना खास, जिसका PM Modi करेंगे दौरा? RSS से है गहरा नाता
PM Modi Visit Smruti Mandir: स्मृति मंदिर का निर्माण RSS के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के सम्मान में उनके उत्तराधिकारी एमएस गोलवलकर ने बनवाया था. यह जगह उन लोगों के लिए श्रद्धांजलि और तीर्थ स्थल है जो संगठन से जुड़े विचार के हैं.

PM Modi Visit Smruti Mandir: नागपुर में स्थित रेशिमबाग स्मृति मंदिर इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. ये डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को इस मंदिर का दौरा करने वाले हैं. यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक हेडगेवार का स्मारक है. यह एक ऐसी जगह है जो संगठन की वैचारिक जड़ों से जुड़ा हुआ है. इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है.
दरअसल, ये स्मृति मंदिर RSS के फाउंडर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के सम्मान में उनके उत्तराधिकारी एम एस गोलवलकर ने बनवाया था. यह स्थान आरएसएस के विचारकों के लिए श्रद्धांजलि और तीर्थस्थल है. ये हजारों संघ स्वयंसेवकों के लिए वो प्रतिध्वनि है, जो उन्हें इतिहास की याद दिलाता है और आगे हेडगेवार के रास्ते पर बढ़ने की प्रेरणा देता है. ये मंदिर भारत के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को प्रभावित करता है.
स्मृति मंदिर का महत्व
बीजेपी की सरकार ने इस जगह को पर्यटन का दर्जा दिया है, जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था. स्मृति मंदिर RSS के हिंदुत्व आंदोलन का अतीत, वर्तमान और भविष्य का आईना है. ये दिखाता है कि एक संगठन ने कैसे लगभग एक शताब्दी से देश के राष्ट्रीय और राजनीतिक विमर्श को आकार दिया है.
स्मृति मंदिर एक ऐसी जगह है, जहां RSS की शाखाएं और वैचारिक चर्चाएं होती हैं, जो लगभग एक सदी से संघ को आगे बढ़ा रही है. यह वह जगह भी है, जहां संघ के इतिहास की प्रमुख हस्तियों को याद किया जाता है. हेडगेवार को 'गुरुजी' भी कहा जाता था.
राजनीति से हटकर रेशमबाग स्मृति मंदिर इस बात का भी प्रमाण है कि कैसे आरएसएस ने समय के साथ शताब्दी में 3 बड़े प्रतिबंधों और विरोधी सरकारों का सामना करते हुए अपनी विरासत को बनाए रखा. पीएम मोदी की होने वाली यात्रा के साथ यह ऐतिहासिक स्थल एक बार फिर राष्ट्रीय ध्यान के केंद्र में आ जाएगा.
पीएम मोदी का दौरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को नागपुर पहुंचेंगे, जहां वह आरएसएस के संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार की समाधि स्मृति मंदिर जाएंगे और दीक्षाभूमि में डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.