ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी भारत को कितनी पड़ेगी महंगी? इन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
Trump Tariff Policy: डोनाल्ड ट्रम्प बुधवार 2 अप्रैल को अपनी टैरिफ पॉलिसी लागू करेंगे. इस संबंध में व्हाइट हाउस की ओर से सोमवार को जानकारी दी गई है. इन टैरिफ से भारत को हर साल लगभग 7 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है. हालांकि भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में मजबूत लाने के लिए दोनों देशों की ओर से कई कदम भी उठाए जा रहे हैं.

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में वापसी के बाद टैरिफ नियमों में बदलाव की घोषणा की थी. ट्रम्प ने अलग-अलग व्यापार से जुड़े शुक्ल में बढ़ोतरी का एलान किया था. साथ ही कुछ पर टैरिफ लगाने को कहा था. अमेरिका बुधवार 2 अप्रैल 2025 से अपनी टैरिफ पॉलिसी लागू करेगा.
ट्रम्प सरकार अमेरिका आयात होने वाली वस्तुओं पर टैक्स लागू लगाएगा. इससे अमेरिका की विदेश सामानों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि ट्रम्प बुधवार को अपनी टैरिफ योजना लागू करेंगे. जिसका असर जापान, चीन और भारत समेत अन्य देशों पर पड़ने वाला है.
टैरिफ पॉलिसी का उद्देश्य
राष्ट्रपति ट्रम्प का मानना है कि ये टैरिफ पॉलिसी से अमेरिकी उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाएंगे और सरकार की कमाई बढ़ाएंगे. ट्रम्प के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने बताया कि इन टैरिफ से हर साल 600 अरब डॉलर तक की आमदनी हो सकती है, जिसका मतलब है कि औसतन 20% का नया टैरिफ लगाया जाएगा.
भारत पर कितना होगा असर?
टैरिफ पॉलिसी भारत के लिए बड़ी चिंता बन सकती है. क्योंकि भारत पर अमेरिकी निर्यातों पर लगने वाली औसत दर 9.5% है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. इस वजह से भारत को अमेरिकी सरकार की नई नीति नुकसान हो सकता है. इनमें दवाइयां, रत्न-ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल और खाद्य उत्पाद सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इन टैरिफ से भारत को हर साल लगभग 7 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है.
हाल ही में अमेरिकी व्यापार अधिकारी ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक टीम दिल्ली पहुंची थी. जहां भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर चर्चा हुई. हालांकि अभी तक किसी भी टैरिफ में छूट देने की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. बैठक में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता सही दिशा में जा रही है.
अमेरिकी ऑटो पार्ट्स को लेकर भारत का कदम
भारत सरकार अमेरिकी ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी कम करने या पूरी तरह खत्म करने पर विचार कर रही है. अभी इन पार्ट्स पर 10% से 15% तक का टैक्स लगता है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि महंगे अमेरिकी ऑटो पार्ट्स भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, इसलिए घरेलू उद्योग पर इसका असर नहीं पड़ेगा.
यह कदम भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते का हिस्सा है, खासतौर पर जब अमेरिका 25% ऑटो टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है. भारत उन उत्पादों पर भी टैक्स कम करने की सोच रहा है, जिनका वह अमेरिका को निर्यात तो करता है, लेकिन उनसे ज्यादा आयात नहीं करता.