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भारत में परमाणु कार्यक्रम के जनक, होमी जहांगीर भाभा के बारे में 10 अनजानी बातें
Homi Jehangir Bhabha: 1939 में वे कुछ समय के लिए भारत आये और द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो जाने के कारण वे कैम्ब्रिज में अपना शोध पूरा करने के लिए वापस नहीं जा सके. भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई में एक धनी कुलीन परिवार में हुआ था.

Happy Birthday, Homi Jehangir Bhabha
Happy Birthday, Homi Jehangir Bhabha: आज प्रसिद्ध परमाणु भौतिक वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का बर्थडे है, जिन्हें भारतीय परमाणु प्रोगाम के जनक के रूप में जाना जाता है. यह प्रतिभाशाली भौतिक विज्ञानी दो संस्थानों - टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के फाउंडिंग डायरेक्टर थे, जिनके कारण अनुसंधान के क्षेत्र में बहुत वृद्धि और विकास हुआ. उनका जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई में एक धनी कुलीन परिवार में हुआ था.
होमी जहांगीर भाभा के बर्थडे पर जानिए उनके बारे में कुछ अनजानी बातें
- होमी जहांगीर भाभा 1939 में कुछ समय के लिए भारत आए थे, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने के कारण वे कैम्ब्रिज में अपना शोध पूरा करने के लिए वापस नहीं जा सके. बाद में वह बैंगलोर में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में रीडर के तौर पर काम करने लगे.
- सिर्फ विज्ञान ही नहीं, भाभा कला के भी प्रेमी थे. उन्हें चित्रकारी और शास्त्रीय संगीत तथा ओपेरा सुनना बहुत पसंद था. उन्हें वनस्पति शास्त्री में दिलचस्पी भी थी.
- होमी ने स्टूडेंट के तौर पर कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई.
- होमी जहांगीर भाभा ने ही मेसोन कण की पहचान की और उसे नाम भी दिया. उन्होंने कॉस्मिक विकिरणों को समझने के लिए कैस्केड सिद्धांत विकसित करने के लिए एक जर्मन भौतिक विज्ञानी के साथ मिलकर काम किया.
- होमी जहांगीर भाभा 1955 में आयोजित परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के प्रथम अध्यक्ष थे.
- 1954 में उन्हें परमाणु विज्ञान में शानदार योगदान के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1942 में उन्हें एडम्स पुरस्कार भी मिला और रॉयल सोसाइटी के फेलो से सम्मानित किया गया.
- होमी जहांगीर भाभा चाहते थे कि परमाणु ऊर्जा का उपयोग गरीबी दूर करने के लिए किया जाए और उन्होंने विश्व भर में परमाणु हथियारों को गैरकानूनी घोषित करने की जोरदार मांग भी की थी.
- भाभा अपने काम के प्रति इतने समर्पित थे कि वे जीवन भर कुंवारे रहे और अपना सारा समय विज्ञान को समर्पित कर दिया. वह मालाबार हिल्स में मेहरानगीर नामक एक विशाल औपनिवेशिक बंगले में रहते थे.
- 24 जनवरी 1996 को माउंट ब्लैंक के पास एक रहस्यमयी हवाई दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई. कुछ सिद्धांतों का दावा है कि भारत के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने उनकी हत्या कर दी थी.
- होमी भाभा की मृत्यु से ठीक 14 दिन पहले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी ताशकंद में रहस्यमयी मौत हो गई थी.