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12 महीने से छोटे बच्चों पर HMPV वायरस का सबसे ज्यादा खतरा! रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

देशभर में कोविड महामारी के बाद HMPV ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक 7 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं इसे लेकर एक खुलासा हुआ है. जिसमें दावा किया गया है कि ये वायरस 5 साल से भी कम उम्र वाले बच्चों पर ज्यादा प्रभाव डालता है.

12 महीने से छोटे बच्चों पर HMPV वायरस का सबसे ज्यादा खतरा! रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
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( Image Source:  Freepik- Representative Image )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 7 Jan 2025 7:03 PM IST

HMPV वायरस सिर्फ एक और वायरस नहीं है. इससे सावधानी बरतने की बेहद जरूरत है. आपको बता दें कि ये एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अधिक खतरा है. इसलिए इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. भारत में HMPV वायरस के अब तक 7 मामले सामने आ चुके हैं, जो लोगों के बीच एक चिंता पैदा कर रहे हैं.

आपको बता दें कि HMPV वायरल ठंड के मौसम में ज्यादा फैलता है. अब तक इस वायरस के खिलाफ कोई टीका नहीं बनाया गया है. जिससे इसका इलाज हो सके और बचाया जा सके. क्योंकी ये बीमारी नई नहीं है इसपर पहले से ही रिसर्च जारी है. 2021 में जारी हुई लैंसेट ग्लोबल हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार इस वायरस ने साल 2018 में 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों पर ज्यादा प्रभाव डाला है.

रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

इस बीमारी पर रिसर्च करने वाले रिसर्चर्स ने बड़ा खुलासा किया और जानकारी दी कि 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों में इस बीमारी के इंफेक्शन्स पाए गए थे. रिपोर्ट के अनुसार 14.2 मिलियन मामले दर्ज किए गए थे. अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग 58 प्रतिशत बच्चे 12 महीने से कम उम्र के थे. उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. रिपोर्ट में मौतों के आंकड़ों का भी खुलासा हुआ, करीब 64 प्रतिशत 6 महीने से कम उम्र वाले शिशुओं की मौत इस वायरस के कारण हुई. रिपोर्ट कहती है कि कम आय और मिडल क्लास आय वाले देशों में 6 महीने से कम उम्र वाले शिशुओं पर HMPV वायरस से संबंधित ALRI से मृत्यु का अधिक जोखिम है.

क्या है HMPV वायरस

आपको बता दें कि इस वायरस को साल 2001 में पहली बार नीदरलैंड में खोजा गया था. इसमें मुख्य रूप से सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले बच्चों और बुजुर्गों में इसका असर ज्यादा होता है

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