दिल्ली-एनसीआर में बारिश ने बदला मौसम का मिजाज, चमोली में बादल फटने से हुई तबाही, जानें अन्य राज्यों का हाल
दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ पहाड़ों में भी बारिश का दौर जारी है, लेकिन यहां हालात ज्यादा गंभीर हैं. मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. यानी वहां भारी से भारी बारिश की संभावना जताई गई है.

दिल्ली-एनसीआर में आखिरकार लोगों को चिलचिलाती धूप और उमस से राहत मिल ही गई. बुधवार को यहां घनघोर काले बादल छा गए और देखते ही देखते झमाझम बारिश शुरू हो गई. तेज बारिश के कारण तापमान में करीब 1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई. मौसम सुहावना हो गया और लोगों ने चैन की सांस ली. लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर के लोग बारिश का इंतज़ार कर रहे थे. ऐसे में बारिश ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के चेहरे पर मुस्कान ला दी.
अब सवाल यह है कि क्या 18 और 19 सितंबर को भी दिल्ली-एनसीआर में बारिश होगी? मौसम विभाग ने इस पर नया पूर्वानुमान जारी किया है. विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में भी बादलों का डेरा रहेगा और कई इलाकों में बारिश होने की संभावना बनी हुई है. यानी फिलहाल लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिलने का सिलसिला जारी रहेगा.
चमोली में फटा बादल
वहीं बुधवार देर रात नंदानगर घाट क्षेत्र में आसमान से आफत बरसी। बादल फटने की इस घटना ने पूरे इलाके में हाहाकार मचा दिया. कुछ ही घंटों में घर, खेत और खलिहान मलबे में बदल गए. नगर पंचायत नंदानगर के कुंतरी लंगाफली वार्ड में मूसलाधार बारिश के साथ आए मलबे ने तबाही मचा दी। इस दौरान 6 घर पूरी तरह जमींदोज हो गए। दुखद बात यह है कि इस हादसे में 5 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि राहत दल ने दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है.
उत्तराखंड का हाल
दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ पहाड़ों में भी बारिश का दौर जारी है, लेकिन यहां हालात ज्यादा गंभीर हैं. मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. यानी वहां भारी से भारी बारिश की संभावना जताई गई है. अलर्ट को देखते हुए जिलाधिकारी ने सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है, ताकि बच्चे और लोग सुरक्षित रह सकें. देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में बारिश ने तबाही मचा दी है. यहां हाल ही में हुए बादल फटने की आपदा में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. लगातार बारिश और बाढ़ जैसे हालात के कारण 33 संपर्क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिन गांवों के रास्ते टूट गए हैं, वहां के लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं. आपदा ने लोगों को गहरे जख्म दिए हैं और करीब 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति और संरचनाएं पानी में बह गई हैं.
उमस से रहत पाएगा उत्तर प्रदेश
उधर, उत्तर प्रदेश में भी मॉनसून एक बार फिर जोर पकड़ चुका है. आसमान में काले बादलों का डेरा है और कई जिलों में जोरदार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने प्रदेश के कई हिस्सों के लिए भारी से भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है. लखनऊ के आंचलिक मौसम केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को ही प्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों में बारिश दर्ज की जाएगी. अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, रायबरेली, गोंडा, बाराबंकी जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, राजधानी लखनऊ में भी आज भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. यहां सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं और दिन चढ़ने के साथ ही मौसम और सुहावना होगा. बारिश से तापमान में गिरावट आएगी और लोगों को उमस से राहत मिलेगी.
बिहार मॉनसून अपना सबसे प्रचंड रूप
बिहार में इस समय मानो मॉनसून अपना सबसे प्रचंड रूप दिखा रहा है. आसमान से लगातार बरस रहे पानी ने कई जिलों की स्थिति बिगाड़ दी है. बुधवार को वाल्मीकिनगर, वैशाली, बेगूसराय, खगड़िया समेत कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं. खासतौर पर सीमांचल के जिलों के लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. गुरुवार को जमुई, मुंगेर, बांका, भागलपुर और खगड़िया में मूसलाधार बारिश की संभावना है. वहीं, मधुबनी, सुपौल, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिलों में भी भारी बारिश होने के आसार हैं. इसके अलावा भभुआ, पटना और लखीसराय समेत राज्य के बाकी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है। मौसम विभाग ने तेज हवाओं और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए पूरे बिहार में येलो अलर्ट जारी कर दिया है.