उन्होंने सिर्फ लव लेटर पढ़ा... राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर ये क्या बोल गए निर्दलीय सांसद पप्पू यादव?
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया, उन्हें 'स्टाम्प' और 'प्रेम पत्र' पढ़ने वाला बताया. कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर आलोचना की, जबकि बीजेपी ने इसे संविधान का अपमान करार दिया. राष्ट्रपति भवन ने बयान जारी कर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों को अस्वीकार किया और कहा कि राष्ट्रपति भाषण देते समय थकी नहीं थीं.

निर्दलीय सांसद और कांग्रेस समर्थक पप्पू यादव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया है. पप्पू यादव ने राष्ट्रपति को 'स्टाम्प' कहते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ 'प्रेम पत्र' पढ़ा है. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रपति एक स्टाम्प की तरह हैं, जिन्हें केवल एक प्रेम पत्र पढ़ने के लिए रखा गया है. उन्होंने बीजेपी पर भी हमला करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने झूठ बोलकर लोगों से वोट हासिल किए हैं.
इससे पहले कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया भी आई, जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सोनिया गांधी से सवाल किया गया. सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति बहुत थकी हुई थीं और मुश्किल से बोल पा रही थीं. राहुल गांधी ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह भाषण बोरिंग था, बार-बार वही बातें रिपीट हो रही थीं.
पप्पू यादव ने बीजेपी पर बोला हमला
बीजेपी ने हमेशा झूठ बोलने का आरोप लगाया है, जैसे विमुद्रीकरण, काला धन, 15 लाख रुपये, 2 करोड़ नौकरियां, आयुष्मान योजना, जन धन योजना, मणिपुर, अग्निवीर, और आरक्षण पर. पप्पू यादव ने बीजेपी के वादों को जनता को भटकाने वाला बताया, और यह भी कहा कि महाकुंभ 12 साल में एक बार होता है, लेकिन बीजेपी ने इसे 144 साल बाद होने वाला आयोजन बताया.
राष्ट्रपति भवन का आया बयान
राष्ट्रपति भवन ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया कि कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों ने राष्ट्रपति के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और ऐसी टिप्पणियां बिल्कुल स्वीकार्य नहीं हैं. राष्ट्रपति कार्यालय ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति भाषण देते समय कभी भी थकी हुई नहीं थीं, और यह टिप्पणियां गलतफहमी का परिणाम हो सकती हैं.
बीजेपी ने की निंदा
भाजपा ने इन टिप्पणियों को संविधान का अपमान बताते हुए कड़ी निंदा की. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल किए गए 'बेचारी' शब्द की आलोचना की, जबकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे संविधान का अपमान बताया.