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हरियाणा में कांग्रेस की हार से महाराष्ट्र और झारखंड में क्या होगा असर? समझिए चुनावी समीकरण

हरियाणा में चुनावी नतीजों ने सभी चौंका दिया है और भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. राज्य में विधानसभा चनाव के हार का असर अगामी विधानसभा राज्यों में देखने को मिल सकता है. जैसे कि महाराष्ट्र और झारखंड में जल्द ही चुनाव कराए जा सकते हैं.

हरियाणा में कांग्रेस की हार से महाराष्ट्र और झारखंड में क्या होगा असर? समझिए चुनावी समीकरण
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Credit- ANI
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 9 Oct 2024 11:48 AM IST

Congress Party: हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं. चुनाव में बीजेपी को जीत मिली है. बीजेपी ने 90 विधानभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई. इस ऐतिहासिक जीत के साथ हरियाणा में भाजपा की लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है.

कांग्रेस की इस हार का असर आने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. बता दें कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र और झारखंड के लिए विधानसभा की तरीखों का एलान जल्द ही कर सकता है. माना जा रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस हार का असर इन चुनावों पर भी जरूर पड़ेगा.

आगामी चुनाव पर हो सकता है असर

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस की हार का असर महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में उसे कमजोर कर सकता है. कांग्रेस को अपने सहयोगी दलों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के साथ सीटों के बंटवारे पर नरमी से पेश आना होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि महाराष्ट्र का परिदृश्य हरियाणा से बिल्कुल अलग है.

महाराष्ट्र का समीकरण

साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव गुट को 21 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 9 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ी और 13 सीटें अपने पाले में की थी. वहीं एनसीपी शरद पवार गुट ने 10 सीटों में से 8 सीटें जीती थीं. लेकिन कांग्रेस लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन और टैली के आधार पर पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर रहा है. इसलिए उसे ज्यादा वोट मिलने चाहिए.

वोट शेयरिंग पर बात

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग की बात चल रही है. शिवसेना से संजय राउत, एनसीपी से जयंत पाटिल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले लगातार इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं. हालांकि तीनों ही दल ने फैसला किया है कि दशहरे तक सीट बंटवारे पर फाइल फैसला ले लिया जाएगा. एनसीपी और शिवसेना की नजर हरियाणा चुनाव पर थी. इसलिए सीट मामले को टला जा रहा था.

झारखंड में कैसी होगी स्थिति?

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो सकती है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा उप-चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ सीट बंटवारे में भी कांग्रेस की स्थिति पर प्रभाव देखने को मिल सकता है. यहां भी जीतने के लिए कांग्रेस को सीटों के बंटवारे पर ध्यान देना होगा.

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