सच लिखना गुनाह है! Gujarat Samachar को लेकर क्या है पूरा बवाल, क्यों ED ने मालिक को किया गिरफ्तार?
जब रक्षामंत्री सीमा पर भारत की ताकत दिखा रहे थे, ठीक उसी वक्त देश के भीतर एक और 'सर्जिकल स्ट्राइक' हुई. इस बार निशाना बना गुजरात का मीडिया हाउस ‘गुजरात समाचार’. इसके मालिक बहुबली शाह को मनी लॉन्ड्रिंग में ED ने गिरफ्तार किया. अब सवाल उठ रहा है कि क्या अब सत्ता से सवाल पूछने की कीमत जेल है? विपक्ष ने मोदी सरकार पर लगाया मीडिया को डराने का आरोप.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जहां एक ओर दुश्मन देशों को हिंदुस्तान की बारूदी ताकत का अहसास करा रहे थे, वहीं देश के अंदर एक और सर्जिकल स्ट्राइक हो गई, इस बार निशाना बना गुजरात का सबसे बड़ा अखबार! प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 'गुजरात समाचार' अखबार के मालिक बहुबली शाह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर सियासी और मीडिया हलकों में भूचाल ला दिया है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब सत्ता से सवाल पूछने की कीमत गिरफ्तारी है?
हिरासत के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया. हिरासत और तबीयत की बिगड़ती हालत ने पूरे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है. शाह के ठिकानों पर पिछले 48 घंटों से कई छापे मारे जा रहे थे, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. बाहुबली शाह सिर्फ एक मीडिया हाउस के मालिक नहीं हैं, बल्कि 15 से अधिक व्यावसायिक संस्थाओं से भी जुड़े हैं. उनके भाई श्रेयांस शाह इस प्रतिष्ठित दैनिक के संपादक हैं. परिवार का गुजरात मीडिया में दशकों पुराना दबदबा रहा है. यही नेटवर्क आज उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का कारण भी माना जा रहा है.
विपक्ष ने लगाए आरोप
गिरफ्तारी के बाद देश की विपक्षी पार्टियों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र की मोदी सरकार और गुजरात की भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट करते हुए कहा, “गुजरात समाचार हमेशा से मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता रहा है. अब ED का इस्तेमाल कर मीडिया को झुकाने और डराने की कोशिश हो रही है.”
केजरीवाल ने क्या कहा?
AAP नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “GSTV और गुजरात समाचार पर लगातार रेड और अब गिरफ्तारी, यह कोई इत्तेफाक नहीं है. भाजपा को हर वो आवाज़ खलती है जो सच बोलती है.”सत्ता के खिलाफ बोलने वालों की 'क्लासिक सजा'
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने तो इसे सत्ता के खिलाफ बोलने वालों की 'क्लासिक सजा' करार दिया और लिखा, “बहुबली भाई शाह की गिरफ्तारी दिखाती है कि जो सम्राट के नंगेपन को उजागर करे, उसकी आवाज़ बंद कर दी जाती है.”
सत्ता की आलोचना बनी गले की फांस
कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी कहा कि गुजरात समाचार पिछले 25 सालों से सत्ता की आलोचना करता आ रहा है और यही उसकी 'गलती' बन गई.
डर की राजनीति अब सरकार की पहचान: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ‘गुजरात समाचार’ को चुप कराने की कोशिश सिर्फ एक अख़बार पर हमला नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आवाज़ दबाने की एक और संगठित साज़िश है. जब सत्ता को आईना दिखाने वाले अख़बारों के दफ्तरों पर ताले लगते हैं और संपादकों को गिरफ्तार किया जाता है. तब यह साफ़ हो जाता है कि डर की राजनीति अब सरकार की पहचान बन चुकी है. लेकिन देश न डंडे से चलेगा, न डर से भारत चलेगा सच और संविधान से.
भाजपा की तानाशाही
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष भारत सोलंकी ने कहा कि गुजरात समाचार समूह पर आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के छापे और उसके मालिक बाहुबली शाह की गिरफ्तारी भाजपा की तानाशाही और सत्ता के दुरुपयोग की पराकाष्ठा है. हम गुजरात समाचार समूह के साथ खड़े हैं जो हमेशा से भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मुखर रहा है और उसके दुष्प्रचार को उजागर करता रहा है.
पाकिस्तान नीति पर सवाल उठाना पड़ा भारी
कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल का आरोप है कि ‘गुजरात समाचार’ पर कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि यह अखबार पिछले 25 वर्षों से सरकार की आलोचना करता रहा है. उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति पर सवाल उठाना अखबार को भारी पड़ गया.
ED की टाइमिंग पर उठे सवाल
13 मई को आयकर विभाग और उसके बाद ईडी की टीमों ने शाह बंधुओं के आवास और कार्यालयों पर छापेमारी की. कार्रवाई तब शुरू हुई जब शाह परिवार अपनी माताजी की मृत्यु के शोक में था. ये समय और परिस्थिति, दोनों ने सरकारी एजेंसियों की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए. शाह की गिरफ़्तारी के बाद उन्हें सबसे पहले सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन खराब स्वास्थ्य के चलते उन्होंने निजी इलाज की मांग की. बाद में उन्हें ज़ाइडस अस्पताल में भर्ती किया गया। कांग्रेस नेताओं ने इसे ‘ज्यादती’ करार दिया और वरिष्ठ नागरिकों के साथ अमानवीय व्यवहार बताया.
सोशल मीडिया पर सेंसरशिप?
पिछले हफ्ते पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘गुजरात समाचार’ का एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल ब्लॉक कर दिया गया. अब तक न तो राज्य सरकार और न ही ईडी की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई है. इसे मीडिया पर नियंत्रण की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है.
स्वतंत्र मीडिया पर दोबारा चोट?
आम आदमी पार्टी के गुजरात अध्यक्ष और पत्रकार इसुदान गढ़वी, जो स्वयं ‘GSTV’ पर एक डिबेट शो होस्ट करते हैं, ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग की संयुक्त कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है. गढ़वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा, “आपातकाल के दौर में भी ‘गुजरात समाचार’ को जलाने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब भी इस अख़बार ने सच का साथ नहीं छोड़ा. आज वही सच बोलने की कीमत एक बार फिर इस मीडिया संस्थान को चुकानी पड़ रही है.” हालांकि, अभी तक ईडी की ओर से बाहुबली शाह की गिरफ्तारी या उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.