Begin typing your search...

‘No Drama, No Politics', ऐसी कंपनी जहां कोई महिला नहीं; खुश होकर बोला ग्राफिक डिजाइनर

एक ग्राफिक डिजाइनर ने सोशल मीडिया पर अपने विचार से बहस छेड़ दी है. उनका कहना है कि एक कंपनी को उन्होंने ज्वाइन किया है. जहां कोई महिला नहीं है. इसका मतलब कि अब नो पॉलिटिक्स और नो ड्रामा सिर्फ अपने काम से काम. यह पोस्ट सामने आते ही बहस छिड़ गई है. लोगों ने उनके इस विचार का विरोध किया है.

‘No Drama, No Politics, ऐसी कंपनी जहां कोई महिला नहीं; खुश होकर बोला ग्राफिक डिजाइनर
X
( Image Source:  Freepik- AI- Representative Image )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 2 March 2025 1:47 PM IST

दिल्ली में एक ग्राफिक डिजाइनर ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी जॉब को लेकर एक पोस्ट किया. इस पोस्ट पर खूब बवाल मच गया है. कुछ लोग उनकी बात से सहमत हैं, तो कुछ ने विरोध जता दिया. आपको बता दें कि ग्राफिक डिजाइनर का कहना है कि उन्होंने एक कंपनी ज्वाइन कर ली हैं. जहां एक भी महिला काम नहीं करती.

अब यह पढ़कर अगर आप सोच रहे हैं कि आखिर इसपर विवाद क्यों हुआ तो पोस्ट में आगे लिखी बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आई. वो आगे लिखते हैं कि इस कंपनी में सभी पुरुष काम करते हैं. इसलिए कोई ड्रामा नहीं और पॉलिटिक्स नहीं, सिर्फ काम ही काम. जब ट्वीट सामने आया तो तेजी से वायरल हुआ और लोगों के बीच एक बहस छिड़ गई.

अपने काम से काम

सोशल मीडिया पर मौर्य जो पेशे से एक ग्राफिक डिजाइनर हैं और दिल्ली में उनकी जॉब लगी. उन्होंने एक्स पर ये पोस्ट किया है. जिसपर लोग इतना गुस्सा हो रहे हैं. मौर्य लिखते हैं कि 'आखिरकार एक ऐसी कंपनी को उन्होंने ज्वाइन कर ली जिसमें कोई महिला नहीं हैं. बताया गया कि उनकी कंपनी में सभी एंप्लॉय ही 40 से ऊपर की उम्र के हैं. इसलिए कोई ड्रामा और कोई राजनीति नहीं सिर्फ अपने काम से काम'.

ऑफिस ड्रामा पर उनका विचार

भले ही यह उनका विचार था. जिसे उन्होंने अपने फॉलोअर्स के साथ शेयर किया. लेकिन उनके इस विचार पर कुछ लोग सहमत थे और कुछ नहीं. कुछ ने उन्हें नई जॉब मिलने की बधाई दी. तो कुछ ने उनकी ऐसी सोच का खंडन किया. एक यूजर ने कमेंट किया और कहा कि सबसे ज्यादा पॉलिटिक्स 40 साल की उम्र वाले ही करते हैं. एक अन्य यूजर ने कहा कि आप गलत हैं, मेरे सभी पुरुष कलीग ही ऑफिस पॉलिटिक्स करते हैं.

एक व्यक्ति ने कहा कि 'सर मैं एक टीम का हिस्सा रहा जहां 20 में 6 महिलाएं थी, सभी बराबरी से अपना काम करती थी. हम किसी में भी इस तरह भेदभाव नहीं कर सकते. आप अनलकी हैं कि आपके पास टीम प्लेयर्स नहीं थे. लेकिन विश्वास रखिए महिलाओं का आपकी टीम में होना बहुत जरूरी है.

India News
अगला लेख