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भारत आगे बढ़ रहा लेकिन टांग खींच रहा चीन, आर्मी चीफ ने क्यों किया विपिन रावत को याद?

General Upendra Dwivedi: चीन का प्रभावशाली आर्थिक और सामरिक शक्ति के रूप में उभरना मुश्किलों को बढ़ाता है. इसका असर भारत को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ने में चुनौती दे सकता है. इसलिए हमें लोकतांत्रिक बदलाव और संसाधन नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए. भारत की स्थिति भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, लोकतंत्र, समृद्धि, सॉफ्ट पावर और समावेशी दृष्टिकोण की वजह से महत्वपूर्ण बनी रहेगी.

भारत आगे बढ़ रहा लेकिन टांग खींच रहा चीन, आर्मी चीफ ने क्यों किया विपिन रावत को याद?
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( Image Source:  @adgpi )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 17 March 2025 10:28 AM

General Upendra Dwivedi: अमेरिका और भारत के बीच अक्सर तनाव की खबरें सामने आती हैं. सीमा विवाद खत्म करने के लिए कितने ही समझौते और वार्ता हो जाए, चीन हमेशा उलटी दिशा ही चलता है. इस बीच रविवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी दिल्ली में चौथे जनरल बिपिन रावत स्मारक व्याख्यान में शामिल हुए, जिसमें चीन को लेकर कई बड़ी जानकारी दी.

आर्मी चीफ ने कहा कि चीन का प्रभावशाली आर्थिक और सामरिक शक्ति के रूप में उभरना मुश्किलों को बढ़ाता है. जो कि प्रतिस्पर्धा को जन्म देता है. साथ ही भारत के वैश्विक दक्षिण का स्वाभाविक नेता बनने के प्रयास में एक रुकावट बन रहा है. इसलिए भारत को भविष्य के शक्ति केंद्र के रूप में अफ्रीका की संभावनाओं पर ध्यान देने की जरूरत है.

क्या बोले आर्मी चीफ?

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, भारत को लोकतांत्रिक बदलाव और संसाधन नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए. भारत की स्थिति भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, लोकतंत्र, समृद्धि, सॉफ्ट पावर और समावेशी दृष्टिकोण की वजह से महत्वपूर्ण बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि भारत सबसे बड़ी आबादी, सबसे बड़ा लोकतंत्र, 7वां सबसे बड़ा भूभाग और भू-रणनीतिक स्थान होने के बावजूद, वैश्विक स्तर पर निचले स्थान पर बना हुआ है."

अफ्रीका पर ध्यान देने की जरूरत- आर्मी चीफ

द्विवेदी ने कहा, भारत भविष्य के लिए अपनी संभावनाएं अफ्रीका में देख सकता है. यहां एक बड़ा और अहम क्षेत्र है, जहां भारत अपनी भूमिका को मजबूत कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि भारत का भौगोलिक स्थान, आबादी, समृद्धि और समावेशी दृष्टिकोण भविष्य में इसे बड़ी शक्ति बना सकता है.

अमेरिकी नीति पर कही ये बात

जनरल द्विवेदी ने कहा कि ब्रिक्स को भी असफलताओं का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा, अमेरिकी डॉलर को खत्म करने के इसके प्रयास को डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन से खुली धमकी मिली है. इसी के मद्देनजर हमें एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है. जनरल द्विवेदी ने कहा कि कैसे तकनीकी कौशल निवारण की नई मुद्रा बन गया है. अब डेटा व्यापार और सुरक्षा की नई पूंजी बन गया है. उन्होंने भारत से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध का नेतृत्व करने का भी आह्वान किया, जिसका सामना देश जम्मू-कश्मीर में खुद कर रहा है.

बिपिन रावत को किया याद

जनरल द्विवेदी ने कहा, मैं कल्पना कर सकता हूं कि अगर जनरल रावत को उभरते सुरक्षा प्रतिमान में भारत की परिकल्पित भूमिका के बारे में कुछ दिशा-निर्देश देने होते तो वह क्या कहते, जिसमें सुरक्षा बलों की केंद्रीयता, उपनिवेशवाद विरोधी सहयोगी बहु-विश्व व्यवस्था की वकालत करते हैं और राष्ट्रों को साथ लेकर चलने से संघर्ष को रोकने में मदद मिलती है.

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