GB रोड या Kamathipura... भारत में सबसे बेहतर और खराब RED LIGHT एरिया कहां? Video
भारत में रेड लाइट एरियाज़ को लेकर हाल ही में सामाजिक कार्यकर्ता गीतांजलि बब्बर ने चौंकाने वाले खुलासे किए. उन्होंने दिल्ली के जीबी रोड और मुंबई के कमाठीपुरा जैसे इलाकों में सेक्स वर्कर्स की कठिन ज़िंदगी, बच्चों की स्थिति और बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर किया.

देश में बलात्कार, छेड़छाड़ और महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं रोज़ाना खबरों में सुर्खियां बनती हैं. लेकिन इसी देश में कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें समाज ने इस कदर दरकिनार कर दिया है कि दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें अपने जिस्म का सौदा करना पड़ता है. देह व्यापार से जुड़ी इन महिलाओं की ज़िंदगी की कहानी सिर्फ दर्द और समझौते की नहीं, बल्कि एक ऐसी हकीकत है जिसे देखने से भी हम अक्सर कतराते हैं.
सेक्स के लिए बेहतर जगह कहां?
कट-कथा संस्था की संस्थापक गीतांजलि बब्बर लंबे समय से दिल्ली के जीबी रोड जैसे रेड लाइट इलाकों में यौनकर्मियों के लिए काम कर रही हैं. हाल ही में एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने भारत के अलग-अलग शहरों के रेड लाइट क्षेत्रों की तुलना करते हुए उनकी स्थिति को सामने रखा. उन्होंने बताया कि 'मैंने बुधवार पेठ भी देखा है, वहां एक मां ऊपर क्लाइंट के साथ है और नीचे बच्चा सो रहा है.
कमाठीपुरा, जीबी रोड और बुधवार पेठ की सच्चाई
गीतांजलि कहती हैं, 'कमाठीपुरा की हालत भी बेहतर नहीं है. दिल्ली के जीबी रोड पर मां क्लाइंट अटेंड करती है और 10 मिनट में वापस आकर बच्चे को दूध पिलाती है. यहां कोई ‘बेहतर कोठा’ नहीं है. जब उनसे सबसे खराब हालात वाले कोठों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा, 'मैं दिल्ली के जीबी रोड को सबसे बदतर कहूंगी और मुंबई भी बहुत पीछे नहीं है.
कौन है गीतांजलि बब्बर?
गीतांजलि बब्बर 'कट-कथा' नामक गैर-लाभकारी संगठन की संस्थापक और निदेशक हैं. यह संस्था दिल्ली के रेड लाइट एरिया में यौनकर्मियों को सशक्त और उनके पुनर्वास के लिए काम करती है. उनका उद्देश्य इन महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाना है.