हिंडनबर्ग मामले के बाद अडानी की साख पर कितना बट्टा लगाएगा ये नया बवाल?
देश के मशहूर बिजनेसमैन गौतम अडानी इस समय फिर सुर्खियों में हैं. इस बार मामला धोखाधड़ी और रिश्वत देने से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ है... आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है...

Gautam Adani Bribery Case: बिजनेसमैन गौतम अडानी अक्सर सुर्खियों में छाए रहते हैं. लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, उनका नाम जरूर सामने आता है. कभी कांग्रेस उनका नाम लेकर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलती है तो कभी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आ जाती है, जिससे उनका नाम लोगों की जुबान पर आ जाता है. अब आप सोच रहे होंगे कि अडानी का नाम अब क्यों सुर्खियों में आया है तो बता दें कि उन पर 2000 करोड़ से ज्यादा की घूस देने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में अपनी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर यानी करीब 2029 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की थी. यह आरोप अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य (विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, रूपेश अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा) पर अमेरिकी अभियोजकों ने लगाया है.
अडानी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
गौतम और सागर अडानी के खिलाफ अमेरिका में गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. इस मामले को अमेरिकी अभियोजन, इंटरनेशनल एजेंसियों को सौंपने की तैयार कर रहे हैं. इससे अडानी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. माना जा रहा है कि अडानी को भारी नुकसान हो सकता है.
अगर अडानी समूह अमेरिका में मामले को निपटाने का फैसला करता है तो उसे भारी जुर्माना चुकाना होगा, जिसका शेयरों की कीमतों पर पड़ेगा. अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन यानी एसईसी ने गौतम अडानी, सागर अडानी पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में अलग से केस दर्ज कराया है.
अडानी समूह के शेयरों में भरी गिरावट
विवाद सामने आने के बाद गुरुवार को अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई. अडानी इंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स के शेयर 23 फीसदी की गिरावट के साथ खुले. वहीं, अडानी पावर में 15 फीसदी, अडानी इनर्जी में 20 फीसदी, अडानी ग्रीन में 19 फीसदी, अडानी टोटल गैस में 16 फीसदी, अंबुजा सीमेंट में 10 फीसदी, एसीसी में 12 फीसदी, अडानी विल्मर में 10 फीसदी, एनडीटीवी में 9.5 फीसदी और संघी इंडस्ट्रीज में 8.4 फीसदी की गिरावट देखी गई.
कई शेयरों में लोअर सर्किट लग गया, जिसकी वजह ट्रेडिंग रुक गई. इसका नुकसान अडानी ग्रुप को झेलना पड़ा. उसकी कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में दो लाख करोड़ तक की गिरावट आ चुकी है.
अडानी ग्रुप ने मामले पर क्या कहा?
अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं. हम उनका खंडन करते हैं. जब तक आरोप सही साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा. हम सभी संभव कानूनी उपाय करेंगे.
क्या है हिंडनबर्ग विवाद?
इससे पहले, 24 जनवरी 2023 में अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अदाणी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया गया था. इससे अदाणी ग्रुप के शेयरों में लगभग 150 अरब डॉलर यानी करीब 12 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई थी. हालांकि, अदाणी ग्रुप ने उन आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया था.
हिंडनबर्ग क्या है?
हिंडनबर्ग के एक अमेरिकी रिसर्च कंपनी है. इसे नेट एंडरसन ने शुरू किया था. इसका काम वित्तीय अनियमितताओं की जांच और विश्लेषण करना, गुप्त वित्तीय मामलों और लेनदेन की जांच करना है. इसका प्रमुख काम शॉर्ट सेलिंग भी है. यह 2017 से काम कर रही है. यह सुर्खियों में तब आई, जब इसने आरोप लगाया कि अडानी ने 2020 से सात लिस्टेड कंपनियों के शेयर में हेरफेर कर 100 अरब डॉलर कमाए हैं. रिपोर्ट में गौतम के भाी विनोद अडानी प भी गंभीर आरोप लगाया गया और कहा गया कि वे 37 शैल कंपनियां चलाते हैं. इन कंपनियों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है.
अडानी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट से कितना नुकसान हुआ?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी की नेटवर्थ में 80 बिलियन डॉलर यानी 6.63 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट आई. इसके बाद वे टॉप-20 अमीरों की लिस्ट से भी बाहर हो गए. इसके साथ ही, कंपनी के 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ को भी रद्द करना पड़ा था. इससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ था.
अडानी ग्रुप पर कितना कर्ज है?
अडानी ग्रुप पर साल 2024 तक 2.41 लाख करोड़ का कर्ज है, जिसमें से 2.21 लाख करोड़ का कर्ज लंबी अवधि का है.
NSE ने अडानी ग्रुप की कंपनियों से मांगा जवाब
अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट से निवेशकों के 2 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. इस पर NSE ने अडानी ग्रुप की कंपनियों से जवाब मांगा है.
गौतम अडानी की नेटवर्थ कितनी है?
फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक, गौतम अडानी की नेटवर्थ 116 अरब डॉलर यानी 9.70 लाख करोड़ से ज्यादा है.उनकी कुल संपत्ति 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. दावा किया जाता है कि अडानी हर घंटे 34 करोड़ 42 लाख 10 हजार 890 रुपये कमाते हैं.
अरबपतियों की टॉप-20 लिस्ट से बाहर हुए गौतम अडानी
गौतम अडानी भारत के दूसरे सबसे बड़े बिजनेसमैन हैं. ताजा विवाद के बाद वे अरबपतियों की टॉप 20 लिस्ट से बाहर हो गए हैं. अब वे 25वें नंबर पर पहुंच गए हैं. अडानी की संपत्ति में 12 अरब डॉलर की कमी हुई है. अगर इसे भारतीय रुपये में बदला जाए तो यह 10 खरब 13 अरब 27 करोड़ 30 लाख 32 हजार 800 रुपये होता है. अब उनकी कुल संपत्ति 57.4 अरब डॉलर रह गई है.
राहुल गांधी ने अडानी को लेकर पीएम मोदी पर बोला हमला
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पूरे मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने नारा दिया: एक हैं तो सेफ़ हैं... भारत में नरेंद्र मोदी और अडानी एक हैं तो सेफ़ हैं. हिंदुस्तान में अडानी का कुछ नहीं किया जा सकता है. यहां मुख्यमंत्री को जेल भेज दिया जाता है और अडानी 2,000 करोड़ का घोटाला कर के बाहर घूम रहे हैं, क्योंकि नरेंद्र मोदी उनकी रक्षा कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिका की जांच में कहा गया है कि अडानी ने हिंदुस्तान और अमेरिका में क्राइम किया है, मगर हिंदुस्तान में अडानी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. हमारी मांग है कि अडानी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए... माधबी बुच को पद से हटाया जाए. उनकी जांच होनी चाहिए.
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अमेरिका में अडानी के खिलाफ घूस और रिश्वतखोरी के मामले में गैर जमानती वारंट जारी हुआ है. उन पर घूस देने और इन्वेस्टर्स को धोखा देने का आरोप है. अडानी ने एक सोलर प्रोजेक्ट में मोटा फ़ायदा लेने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की मुंहमांगी रकम घूस के तौर पर दी. ये पैसे अडानी को इन्वेस्टर्स और ग्लोबल इकोनॉमिक इंस्टीट्यूशंस से फंड के तौर पर मिला था.
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अडानी के ऊपर भारत में भी लगातार भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगे हैं, पर यहां नरेन्द्र मोदी के रहते वो बिल्कुल सेफ हैं. इससे पहले, हिंडनबर्ग ने खुलासा किया था कि अडानी ने अपने शेयरों की कीमतों में हेर–फेर कर धोखाधड़ी से लाखों करोड़ रुपये कमाए. इस धोखाधड़ी में SEBI प्रमुख माधबी बुच के भी शामिल होने के भी साक्ष्य हैं.
भारत का नाम बदनाम कर रहे अडानी
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अब वही अडानी पूरी दुनिया में भारत का नाम बदनाम कर रहे हैं, लेकिन मजाल है कि मोदी या उनका तंत्र एक चूं भी कर दें. सौ बात की एक बात यह है कि अडानी भारत में सेफ हैं, क्योंकि उनके हाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चाबी है. बाक़ी दुनिया में तो वो देश की मिट्टी पलीद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.