10 हजार में फर्जी आधार तो 1500 में वोटर आईडी, खुद ग्राहक बन पुलिस ने ऐसे किया रैकेट का भंडाफोड़
Hyderabad Crime News: हैदराबाद पुलिस ने फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग 1500 रुपये लेकर एक घंटे के अंदर फर्जी वोटर आईडी बना देते थे.

Hyderabad Crime News: हैदराबाद पुलिस ने एक फर्जी वोटर आई कार्ड बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस रैकेट में शामिल लोग 1500 रुपये लेकर एक घंटे में आईडी कार्ड बनाकर दे देते थे. इस रैकेट का भंडाफोड़ कैसे हुआ, इसका भी एक मजेदार किस्सा है.
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, टास्क फोर्स ने आरएस ऑनलाइन सर्विस सेंटर के मालिक वाई राजकुमार से संपर्क किया और उनसे आधार कार्ड बनवाने में मदद मांगी. साथ ही यह भी कहा, कि उनके पास कोई डॉक्यूमेंट नहीं हैं. इस पर राजकुमार ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनका फेक वोटर आईडी कार्ड बनाएगा. इसके बाद नए आधार कार्ड के लिए आवेदन करने में भी मदद करेगा.
चुनावी रिकॉर्ड में नहीं दिखाई देंगे फर्जी आईडी कार्ड के डिटेल
राजकुमार ने जैसे ही 1500 रुपये लेकर फेक वोटर आईडी बनाई, पुलिस की टीम ने उसे उसके स्टाफ के दो सदस्यों के साथ पकड़ लिया. पुलिस ने बताया कि इन फर्जी वोटर आईडी कार्ड के डिटेल चुनावी रिकॉर्ड में नहीं दिखाई देंगे. इस फर्जी वोटर आईडी के जरिए आरोपी लोगों को आधार कार्ड, पासपोर्ट और अन्य डॉक्यूमेंट हासिल करने में मदद करते हैं.
छह आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
डीसीपी टास्क फोर्स वीवीएस सुधींद्र ने छह आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही है. इनकी पहचान राज कुमार, कम्प्यूटर ऑपरेटर के पल्लवी और विजय लक्ष्मी, पासपोर्ट एजेंट बी शंकर, जीएचएमसी कम्प्यूटर ऑपरेटर जी अनिल कुमार और सर्व शिक्षा अभियान के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी मोहम्मद महमूद के रूप में हुई है.
एजेंट को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल तक आरएस ऑनलाइन के पास मी सेवा फ्रेंचाइजी थी. उसके एजेंट श्रवण कुमार को जब पुलिस ने पकड़ लिया तो राजकुमार ने अपने निर्धारित लॉगइन क्रेडेंशियल का यूज नहीं करने का फैसला किया. उसे डर था कि ऐसा करने से वह पुलिस की जांच के दायरे में आ जाएगा. हालांकि, उसने 18 साल के कम उम्र के आवेदकों का आधार कार्ड बनाने के लिए महमूद की मदद से अपना रैकेट जारी रखा.
9 साल में बनाए 15000 फेक वोटर आईडी
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी राजकुमार ने 2015 से लेकर अबतक 15000 फेक वोटर आईडी, 10 हजार फेक आधार कार्ड, 2000 फेक जन्म प्रमाणपत्र, 1500 फेक पेन कार्ड और 20 फेक पासपोर्ट बनाए हैं. राजकुमार इसके जरिए हर महीने 4 लाख रुपये तक कमाता था. वह आधार कार्ड बनाने के लिए 10000 रुपये लेता था.