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क्‍या देश में सचमुच आ रही है मंदी? MPC सदस्‍य क्‍यों कर रहे नीतियों पर ध्‍यान देने की वकालत

Economic slowdown in INDIA: एमपीसी सदस्य नागेश कुमार ने कहा कि देश में आर्थिक मंदी इतनी गंभीर है कि इस पर तत्काल नीतिगत ध्यान देने की आवश्यकता है.

क्‍या देश में सचमुच आ रही है मंदी? MPC सदस्‍य क्‍यों कर रहे नीतियों पर ध्‍यान देने की वकालत
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Economic slowdown in INDIA
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 21 Dec 2024 1:55 PM IST

Economic slowdown in INDIA: 'आर्थिक मंदी' एक ऐसा शब्द, जिससे दुनियाभर के लोगों की रूह कांप जाती है. इस बीच मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्य नागेश कुमार ने इसे लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि देश में चल रही आर्थिक मंदी इतनी गंभीर हो गई है. उन्होंने ये भी कहा कि इस पर तत्काल नीतिगत रूप से ध्यान देने की जरूरत है.

न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर एमपीसी बैठक के दौरान रेपो रेट में 25 आधार अंकों (BPS) की कटौती की वकालत करते हुए नागेश कुमार ने घटती ग्रोथ और मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं की दोहरी चुनौतियों को लेकर आगाह किया है. साथ ही भविष्य में इससे होने वाली समस्याओं से पहले इसे दूर करने की तत्काल कदम उठाने की बात की है. उन्होंने कहा, 'मंदी की सीमा इतनी गंभीर है कि इस पर नीतिगत ध्यान देने की जरूरत है.'

GDP ग्रोथ रेट में भारी गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बैठक ने नागेश कुमार ने कहा कि अक्टूबर 2024 की MPC बैठक के बाद से आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है. उन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि में भारी गिरावट की ओर इशारा भी किया. 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ रेट घटकर 5.4 प्रतिशत हो गई है, जबकि उसी फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में यह 6.7 प्रतिशत और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत थी.

नागेश कुमार ने कहा कि यह गिरावट अपेक्षा से अधिक तीव्र है और इसने साल 2024 के लिए GDP ग्रोथ में भारी गिरावट ला दी है. उन्होंने आगे इसे लेकर कहा कि 25 आधार अंकों की दर में कटौती मुद्रास्फीति को बढ़ाए बिना आर्थिक विकास को को फिर से पटरी पर लाने में मदद कर सकती है. उन्होंने कहा कि कीमतों में मौसमी सुधार के साथ मुद्रास्फीति के दबाव कम हो सकते हैं, जिससे सहायक नीति उपायों के लिए जगह बन सकती है.

उन्होंने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि दर में कटौती मुद्रास्फीति की स्थिति को खराब किए बिना आर्थिक विकास को फिर से जीवित करने में मदद करेगी जो कीमतों में मौसमी सुधार के साथ कम हो सकती है. इसलिए मैं फिर से रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती के लिए मतदान करूंगा.'

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