देवेंद्र फडणवीस ही बने महाराष्ट्र के सीएम, जानें क्या हैं इसके सियासी मायने
Devendra Fadnavis: देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का नया सीएम चुना गया है. करीब 10 दिन बाद फडणवीस के नाम पर मुहर लगी है. आइए जानते हैं कि इसके सियासी मायने क्या हैं...

Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र को 10 दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिर मुख्यमंत्री मिल ही गया. बीजेपी की तरफ से सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे देवेंद्र फडणवीस ही सूबे के अगले मुख्यमंत्री होंगे. उनके नाम पर बुधवार को मुहर लग गई. एकनाथ शिंदे और अजित पवार डिप्टी सीएम होंगे.
महायुति के नेता 3:30 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. फडणवीस 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में सीएम पद की शपथ लेंगे. आइए, जानते हैं कि उन्हें सीएम बनाने के क्या मायने हैं ...
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दो बार सीएम रहे फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस दो बार महाराष्ट्र के सीएम रह चुके हैं. पहली बार 2014, जबकि दूसरी बार 2019 में उन्होंने सीएम पद की शपथ ली थी. फडणवीस बीजेपी के पहले सीएम हैं. वे इस बार नागपुर साउथ वेस्ट से 39710 वोटों से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
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गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव
फडणवीस का गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव है. वे 2014 में बनी बीजेपी और अविभाजित शिवसेना की गठबंधन सरकार को सफलतापूर्वक चलाया. इसके बाद उन्होंने 30 जून 2022 से डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई.
शीर्ष नेतृत्व के प्रति वफादार
फडणवीस के बारे में कहा जाता है कि वे कोई भी फैसला काफी सोच समझकर लेते हैं. उनके अंदर धैर्य धारण की भी क्षमता है. यही वजह है कि उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में डिप्टी सीएम का पद संभालने की शीर्ष नेतृत्व की मांग को स्वीकार कर लिया. इससे पार्टी आलाकमान का उनके प्रति वफादारी साफ दिखाई दी. यही वजह है कि उन्हें तीसरी बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया.
कामकाज की शैली
देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनने के पीछे की वजह उनके कामकाज की शैली है. पीएम मोदी भी उन पर भरोसा करते हैं. कई मौके पर उन्होंने फडणवीस के नेतृ्त्व क्षमता और उनके कामकाज को सराहा है. कहा जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां कई नेताओं ने 15 से 20 सीटें जीतने की बात पीएम मोदी से की थी, वहीं फडणवीस ने कहा थी कि हम 40 सीटें जीतेंगे. यह बात सच हुई. महायुति ने 41 सीटें जीती थी.
जमीन से जुड़े नेता
फडणवीस को जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है. उन्होंने पार्टी के लिए पोस्टर चिपकाने का भी काम किया है. वे 27 साल की उम्र में नागपुर के मेयर बने. इसके बाद 1999 में वे पहली बार विधायक बने. तब से वे लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. फडणवीस को 2013 में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. उनकी अध्यक्षता में ही बीजेपी को 2014 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 122 सीटों पर जीत मिली. वहीं, शिवसेना को 63 सीटों पर जीत मिली. इसके बाद फडणवीस सीएम बने.
विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 105, जबकि शिवसेना को 56 सीट मिली. हालांकि, उद्धव ठाकरे की जिद के आगे गठबंधन टूट गया. फिर दोबारा फडणवीस ने अजित पवार के साथ मिलकर 23 नवंबर को दूसरी बार सीएम पद पद की शपथ ली. हालांकि, वे केवल 80 घंटे ही सीएम रह सके.
गठबंधन में शामिल दलों के संकेत
बीजेपी ने फडणवीस को सीएम बनाकर गठबंधन में शामिल दलों को साफ संदेश दिया है कि वे उनकी मांगों के आगे झुकने वाली नहीं है, लेकिन उन्हें भी साथ लेकर चलेगी. उनकी जायजा मांगों को भी स्वीकार किया जाएगा.